
किराये की डिटेल
रोडवेज के एआरएम ने इस साधारण बस के यात्रियों को 3 एसी जनरथ बसों से भेजने के लिए 2709 रुपये प्रति यात्री के हिसाब से आने जाने का कुल 720854 रुपए का बिल बना दिया। बस मालिक नितिन यादव का आरोप है कि जब उन्होंने अधिक किराया होने की शिकायत की तो चारबाग डिपो के क्लर्क गुरुमीत ने उनसे तय तोड़ करना शुरू कर दिया। आरोप है कि गुरुमीत ने 5.20 लाख में सौदा तय करते हुए बस मालिक को संबंधित अफसरों के साथ मिलीभगत कर 348061 रुपये का संशोधित बिल बना दिया।
मामला मेरे संज्ञान में आया है। एआरएम ने बताया कि उसने पहले बिल मे जो गलती थी वह दुरस्त करने के लिए दूसरा पत्र जारी किया था। मैं इस मामले की जांच करवा रहा हूं। इसके बाद अगर कोई दोषी होगा तो कार्रवाई की जाएगी।
पल्लव बोस, रीजनल मैनेजर, यूपी रोडवेज

परिवहन निगम पत्र
चारबाग डिपो के क्लर्क ने जो बिल बनाया था वह गलत कैलकुलेशन के आधार पर बना था। जैसे ही मुझे इसकी जानकारी हुई बस मालिक नितिन कुमार को दोबारा संशोधित बिल जारी कर दिया गया था। भुगतान में मिलीभगत का आरोप निराधार है। करेक्शन किए गए बिल के हिसाब से ही पेमेंट जमा कराया गया है।
अमरनाथ सहाय, एआरएम, चारबाग डिपो, लखनऊ
दोनों बिलों में क्या-क्या दिखाया
पहले बिल में 130 यात्रियों का किराया 720854 रुपए चार्ज करने का पत्र भेजा गया था। बस मालिक की मानें तो सेटिंग की तो संबंधित कर्मचारी ने यात्रियों की संख्या 133 और किराया 348061 रुपए दिखाया है। दोनों पत्र एआरएम अमर नाथ सहाय के हस्ताक्षर से जारी किए गए हैं। अधिकारी पहले पत्र की गलती संशोधित करने के लिए दूसरा पत्र जारी करने का दावा कर रहे हैं। जबकि दूसरे पत्र में बस नंबर को छोड़कर पहले पत्र की गलती का कोई जिक्र नहीं है।