पटना के फुलवारी थाने पर इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें पटना पुलिस दो अभियुक्तों अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से पटना पुलिस को भारी संख्या में पीएफआई के पर्चे, झंडे और किताबें मिली थीं। उन लोगों से पूछताछ में ही उर्दू बाजार, दरभंगा, बिहार का रहने वाले नूरुद्दीन सहित पीएफआई के अन्य सदस्यों के नाम उजागर हुए थे।
पीएफआई से जुड़ा
गिरफ्तारी के बाद नुरुद्दीन ने एटीएस को बताया कि वह 2015 में दरभंगा बिहार में पीएफआई के जिलाध्यक्ष सनाउल्लाह के संपर्क में आया था और उसके बाद वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) से जुड़ गया।
लड़ा बिहार विधासभा चुनाव
2020 में वह बिहार की दरभंगा सीट से एसडीपीआई के टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था, जिसमें उसे छह सौ वोट मिले थे। नूरुद्दीन 2017 में सीएन लॉ कालेज, दरभंगा से एलएलबी की डिग्री ली है और उसका मुख्य काम पीएफआई और एसडीपीआई के सदस्यों पर दर्ज मुकदमों की अदालत में वकीलों के जरिए पैरवी करना था। बिहार पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर उसे अपने साथ पटना ले जाएगी।