केन्या

हम मानते हैं कि आई कॉन्टैक्ट से कम्यूनिकेशन बेहतर होता है जबकि केन्या के लोगों का अलग मानना है।
यहां मांएं बच्चे को अपने साथ हर जगह लेकर जाती हैं लेकिन उनके रोने पर प्रतिक्रिया नहीं देती है और ना ही उनकी आंखों में देखती हैं। यहां पर मानना है कि आंखों में देखने का मतलब बच्चे को ये बताना है कि मालिक है जबकि कोई पैरेंट्स अपने बच्चे को यह बताना नहीं चाहता है।
फोटो साभार : TOI
जापान

जापान में जब बच्चा (Japanese Parenting) चार साल का हो जाता है तो उसे पैरेंट्स का ध्यान या अटेंशन मिलनी बंद हो जाती है। इस उम्र से ही बच्चा खुद स्कूल जाएगा। स्कूल में उसे अपनी क्लास की सफाई भी करनी होगी। जापानी मानते हैं कि बच्चों को स्वतंत्रता और जिम्मेदारी का पता होना चाहिए।
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जर्मनी

बच्चों की देखभाल पैरेंट्स को काफी महंगी पड़ती है लेकिन जर्मनी में ऐसा नहीं है। यहां पर माता-पिता को बच्चों की परवरिश को लेकर सरकार की ओर से मदद मिलती है। अगर जर्मनी में बच्चा 18 साल के होने के बाद भी काम नहीं कर रहा है और पढ़ाई कर रहा है तो उसे 21 या यहां तक कि 25 साल के होने तक सरकारी से मासिक खर्च मिलता है।
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इटली

इटली में बच्चों को भी वाइन पीने की इजाजत है। यहां माना जाता है कि अगर बच्चों को कम उम्र से ही डिनर पर वाइन दी जाए और उन्हें वाइन कल्चर के बारे में बताया जाए तो इससे वो एक जिम्मेदार ड्रिंकर बनते हैं और कम वाइन पीते हैं।