सूत्रों ने बताया कि यह कार्रवाई उपराज्यपाल सक्सेना की भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता (Zero Intolerance) की नीति को इंगित करती है और सरकार में ईमानदारी सुनिश्चित करने की कोशिश है। उन्होंने बताया कि उप राज्यपाल ने सोमवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण के दो सहायक इंजीनियरों को कालकाजी एक्सटेंशन में ईडब्ल्यूएस फ्लैट के निर्माण में खामी पाए जाने पर निलंबित कर दिया था।
‘लंबित मामलों का शीघ्र निकालें हल’
दिल्ली के रोहिणी इलाके में स्थित फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में 20 हजार से ज्यादा मामले लंबित होने का संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने बुधवार को निर्देश दिया कि समयबद्ध तरीके से मामलों के निपटारे के लिए रिक्त पदों को भरा जाए और तकनीक को अद्यतन किया जाए। सक्सेना ने एफएसएल की कार्यप्रणाली की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे लंबित मामलों के निपटारे के अनुमानित समय का उल्लेख करते हुए उनकी एक सूची तैयार करें और उपराज्यपाल को सौंपे।
उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सक्सेना ने चेतावनी दी है कि वह स्वयं इसकी निगरानी करेंगे। सक्सेना ने निर्देश दिया कि लंबित मामलों को तीव्र गति से सुलझाने के लिए इसी प्रकार की एजेंसियों के सेवानिवृत्त तकनीकी कर्मियों को पुनः सेवा में लिया जा सकता है। बयान में कहा गया कि सक्सेना ने 20 हजार से ज्यादा लंबित मामलों पर चिंता जताई।