दिल्ली में 31 से 'मैं भी हूं चौकीदार' कैंपेन 

मनोज तिवारी बोले- चौकीदार के डर से आप-कांग्रेस महामिलावट को तैयार



वस, नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए बीजेपी 'मैं भी हूं चौकीदार' नाम का कैंपेन शुरू कर रही है। दिल्ली में इस कैंपेन की कमान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी संभालेंगे। 31 मार्च से यह कैंपेन शुरू होगा। बीजेपी नेता और कार्यकर्ता केंद्र सरकार की उपलब्धियों के बारे में लोगों को बताएंगे।


तिवारी ने कहा कि इस कैंपेन में लाखों कार्यकर्ता शामिल होंगे। जानकारी देते हुए हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने आप और कांग्रेस पर भी निशाना साधा, कहा कि यह चौकीदार को भय ही है कि कभी एक-दूसरे के दुश्मन रहे लोग आज महामिलावट के लिए तैयार हैं। लेकिन भ्रष्टाचार में डूबे लोग ध्यान रखें कि केंद्र में फिर यही सरकार बनेगी। उन्होंने आप और कांग्रेस के गठबंधन पर तीखी प्रतिक्रिया दी।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चौकीदार के रूप में एक-एक रुपये का सही उपयोग सुनिश्चित कर रहे हैं। देश के अंदर और बाहर दुश्मनों से बखूबी निपट रहे हैं। तिवारी ने आप और कांग्रेस के गठबंधन को अनैतिक बताया। कहा कि यह दिल्ली की जनता के साथ बड़ा धोखा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के लिए सभी राज्यों में 31 मार्च से 'मैं भी हूं चौकीदार' कैंपेन शुरू किया जा रहा है। 


स्पेशल ऑब्जर्वर नियुक्त करने की मांग -


दिल्ली बीजेपी के विधि विभाग संयोजक नीरज ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा है और मांग की है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में मस्जिदों के आसपास स्पेशल ऑब्जर्वर नियुक्त किए जाएं। उन्होंने कहा है कि धार्मिक आधार पर वोटरों को प्रभावित करने की कोशिशों को रोकने के लिए स्पेशल ऑब्जर्वर नियुक्त किए जाने चाहिए।


उन्होंने पत्र में यह आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ने कई बार ऐसे ट्वीट किए हैं, जिससे माहौल खराब होने का अंदेशा बना रहता है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इन इलाकों में कोई भड़काऊ भाषण न दें। पत्र में कहा गया है कि स्पेशल ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के आधार पर अगर कोई मामला सामने आता है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।


इस मामले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ रणबीर सिंह का कहना है कि दिल्ली बीजेपी विधि विभाग के संयोजक ने ऐसा पत्र दिया है, जिसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी नेताओं पर भड़काऊ भाषण देने और मतदाताओं के ध्रुवीकरण का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि ऐसी चीजों पर वे नजर रखें कि किसी भी राजनीतिक दल के नेता या कार्यकर्ता कैंपेन के दौरान भड़काऊ भाषण न दें।


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