चीन का चौथी बार अडंगा, ग्लोबल फंदे से फिर बचा मसूद

जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर
ग्लोबल पाबंदी की कोशिशों को फिर झटका लगा है।


 


एकबार फिर चीन के अडंगा लगाने से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करवाने का प्रस्ताव बुधवार रात खारिज हो गया। चीन पहले भी 2009, 2016 और 2017 में ऐसी कोशिशों को नाकाम कर चुका है। पुलवामा हमले के गुनहगार मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए फ्रांस-ब्रिटेन-अमेरिका ने 27 फरवरी को प्रस्ताव रखा था।


अमेरिका ने कहा भी कि मसूद अजहर यूएन आतंकियों की लिस्ट में जगह पाने के लिए पूरी तरह फिट केस है। लेकिन चीन ने अडूंगे के संकेत देते हुए कहा कि इस मुद्दे के लिए ऐसा समाधान चाहिए जो सभी पक्षों के अनुकूल हो। आशंका के मुताबिक, तकनीकी कारण बताते हुए चीन ने मसूद के खिलाफ प्रस्ताव को ऐन टाइम पर वीटो कर दिया।


नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने इस पर निराशा जताई और कहा कि हम सभी विकल्पों पर काम करते रहेंगे, ताकि भारतीयों पर हमलों में शामिल आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में खड़ा करना सुनिश्चित हो सके। नियमों के तहत ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए सुरक्षा परिषद के सभी स्थायी और अस्थायी सदस्यों की सहमति जरूरी है। चूंकि चीन ने मसूद के खिलाफ प्रस्ताव पर विचार के लिए और वक्त की मांग करते हुए वीरो कर दिया, लिहाजा प्रस्ताव गिर गया। पाकिस्तान का यह परंपरागत मित्र ऐसा चार बार कर चुका है।


 


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