केजरीवाल: हमारा कसूर क्या है, हमारे ऊपर रेड क्यों

चुनाव आयोग पर आप का धरना, सीएम ने भी ट्वीट कर बोला हमला



विस, नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी ने दिल्ली पुलिस पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है और इसे लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। शुक्रवार को सुबह डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला। दिल्ली पुलिस द्वारा आप के सहयोगियों एवं कार्यकर्ताओं को गैरकानूनी तरीके से परेशान करने के संबंध में चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करवाई और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।


आप नेताओं ने कहा कि पार्टी द्वारा हायर किए गए कॉल सेंटरों पर पुलिस रेड डाल रही है और कॉल सेंटरों के अधिकारियों को परेशान कर रही है। शुक्रवार सुबह चुनाव आयोग में शिकायत के बाद साउथ दिल्ली में दोबारा कॉल सेंटर पर दिल्ली पुलिस की रेड के खिलाफ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, पार्टी सांसद संजय सिंह समेत दूसरे तमाम नेता दोपहर बाद फिर से चुनाव आयोग पहुंच गए और वहां पर धरना शुरू कर दिया।


इसके बाद चुनाव आयोग ने आप नेताओं को 5.30 बजे मिलने के लिए बुलाया और संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, आतिशी समेत आप नेता चुनाव अधिकारियों से मिलने पहुंचे। इसके बाद चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी और दिल्ली पुलिस के सीनियर अधिकारियों की जॉइंट मीटिंग बुलाई। मीटिंग के बाद डिप्टी सीएम ने ट्वीट कर कहा कि मीटिंग में हमने कहा है कि कॉल सेंटर से जो भी कॉल जा रही है, वो हम करवा रहे हैं और किसी को वोट बनवाने के लिए कहना कोई अपराध नहीं है।


सिसोदिया ने कहा कि पुलिस ने माना कि उनकी टीमें कॉल सेंटर में गई थी। पुलिस के मुताबिक टेक्निकली ये रेड नहीं थीआप ने चुनाव अधिकारियों से कहा हैकि पुलिस को कार्रवाई से तुरंत रोका जाए। कॉल सेंटर पर पुलिस की रेड के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी एक के बाद एक ट्वीट कर कई सवाल उठाए। सीएम ने ट्वीट कर कहा कि चार दिन में तीसरी रेड? और जब हम पूछ रहे हैं कि हमारा गुनाह क्या है तो पुलिस कुछ नहीं बता रही? बस एक ही बात बोल रही है पुलिस- आपका डेटा दे दो।


इसका मतलब चुनाव आयोग हमारा डेटा लेकर अमित शाह को देना चाहता है। केजरीवाल ने कहा कि आज चुनाव आयोग को बताना पड़ेगा कि हमारे ऊपर रेड क्यों करवाई जा रही हैं। हमारा कसूर क्या है? डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव के समय चुनाव आयोग ही राजनीतिक दलों का माई-बाप होता है। बीजेपी के इशारे पर आप के कॉल सेंटर्स पर चारों तरफ छापे डाले जा रहे हैं।


आप।नेताओं ने कहा कि दिल्ली में गैरकानूनी तरीके से लाखों लोगों के वोट काट दिए गए। जब इसकी सूचना मिली तो अपने स्तर पर पार्टी ने एक जांच करवाई जिसमें सत्यता पाई गई। पार्टी ने काटे गए नामों को दोबारा से मतदाता सूची में शामिल करने के लिए पूरी दिल्ली में कैंपेन की शुरुआत की। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने काटे गए नामों की लिस्ट के आधार पर घर-घर जाकर लोगों को सूचित किया।


डोर टू डोर के अलावा कॉल सेंटरों के माध्यम से भी पार्टी ने लोगों को उनके नाम काटे जाने की घटना के बारे में सूचित करने का काम किया। आप ने कहा कि दिल्ली पुलिस सीधे तौर पर केंद्र सरकार के अधीन आती है, तो पुलिस शक्ति का दुरुपयोग करते हुए केंद्र सरकार, कॉल सेंटरों के मालिकों को डराने धमकाने का काम कर रही है। सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि हम चुनाव आयोग के आभारी है कि उन्होंने हमारी मांग पर परे मामले की जांच अपने अधीन लेकर निष्पक्ष अधिकारी से करवाने का फैसला लिया है।


नाम कटने की कॉल की जांच, किसी को नहीं किया परेशान -


आम आदमी पार्टी (आप) ने पुलिस पर पार्टी के लिए काम कर रहे कॉल सेंटर मालिकों को परेशान करने का आरोप लगाया है। 'आप' की तरफ से तीन आला अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद दिल्ली पुलिस ने अपना जवाब जारी किया है। पुलिस की तरफ से कहा गया है कि वोटर लिस्ट से। नाम कटने की बोगस फोन कॉल की शिकायतों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच चल रही है।


स्पेशल कमिश्नर (क्राइम ब्रांच ईओडब्ल्यू) सतीश गोलचा के मुताबिक, दिल्ली पुलिस पर लगाए । जा रहे आरोपों की जहां तक बात है, हम उसका जवाब चुनाव आयोग को सौंप चुके हैं। किसी भी कॉल सेंटर के मालिक ने हमारी जांच टीम के मेंबरों के खिलाफ परेशान करने की शिकायत नहीं दी है।


वोटर लिस्ट से नाम कटने की बोगस कॉल की शिकायतों के मामले में सभी जरूरी पहलुओं की जांच की जा रही है। यह जांच पूरी तरह से कानून के मुताबिक हो रही है। इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। हम उन कॉल सेंटरों के तथ्यों की पड़ताल कर रहे हैं, जहां से ऐसी कॉल वोटरों को की गई हैं।


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