मयंक जैन (33) परिवार समेत कड़कड़डूमा के सैनी एनक्लेव में रहते हैं। फैमिली की राजस्थान के नीमराना में रबड़ पाइप बनाने की फैक्ट्री है। वह 30 जून को घर से बाहर थे। पिता रवींद्र का कॉल आया, जिन्होंने एक आर्मी अफसर के रबड़ के पाइप खरीदने की जानकारी दी। पिता ने कहा कि आर्मी के अकाउंट से कंपनी का खाता जुड़ा हुआ नहीं है। इसे सक्रिय करने के लिए उनके खाते में 5 रुपये की ट्रांजेक्शन करनी होगी। मयंक को शक हुआ तो उन्होंने पिता से कहा कि उनको रकम देनी है तो सीधे भेज सकते हैं। अकाउंट जोड़ने की जरूरत तब होती, जब हम रुपये भेजते। बहरहाल, सेना का कोई नियम होगा सोचकर वह तैयार हो गए।
कुछ देर बाद मयंक के पास कुणाल चौधरी नाम के शख्स का कॉल आया तो उन्होंने कुणाल से कहा कि इस तरह से तो कहीं भी नहीं होता है। कॉलर कहने लगा कि आर्मी पब्लिक स्कूल में इसी तरह से खरीदारी होती है। अगर आपको कंपनी के खाते में पैसा चाहिए तो, ये प्रोसेस पूरा करना पड़ेगा। आरोपी के कहने पर उन्होंने 5 रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद कॉलर ने ट्रांजेक्शन करने का झांसा देते हुए कहा कि इस प्रोसेस के दौरान कॉल पर बने रहें। इस तरह से आरोपी ने उन्हें 3 घंटे तक फोन पर बिजी रखा। इस दौरान पीड़ित के दो अलग-अलग खातों से 10 लाख 47 हजार 610 रुपये दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए गए। पीड़ित को इसका पता चलते ही उन्होंने बैंक को सूचित कर लेन-देन रुकवाया।