कविता “सहज सरल है शिव साधना”

सहज सरल है शिव साधना

शिव आराधना प्रत्येक जनमानस के लिए है सरल ।
मात्र मानस पूजन से ही हम सँवार सकते कल ॥
जो सहजता से मिले वही कर दो भोले का अर्पित ।
सृष्टि के कल्याण के लिए तो नीलकंठ है सदैव समर्पित ॥

क्यों न करें जलधारा से शिव को प्रसन्न ।
शिव के इस प्रिय माह में तो प्रफुल्लित है सबका मन ॥
भांग, धतूरा और आंक को भी करते आशुतोष स्वीकार ।
शिवतत्व तो कराता जीवन के सत्य से साक्षात्कार ॥
आडंबर से तो कोसो दूर है भोलेनाथ ।

शिव आराधना से तो मिलता श्रीहरि का भी साथ ॥
समस्याओं को दूर करने का है उत्तम उपाय ।
भावों की माला से जपे ॐ नमः शिवाय ॥
शिव तो है त्याग का ही पर्याय ।

विश्वास के साथ नमन करें तो शिव होंगे सहाय ॥
शिव और प्रकृति के साथ हम भी हो जाएंगे पावन ।
शिव स्तुति के लिए तो उत्तम माह है सावन ॥
सरलता से की जा सकती है शिव की पूजा अर्चना ।

भक्त तो चाहता केवल शिवकृपा की याचना ॥
सावन स्वयं करता जल से शिव की आराधना ।
डॉ. रीना कहती, आओ करें पूर्ण भक्तिभाव से शिव साधना ॥

डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)
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