हिलते हुए दांत, कमजोर मसूड़े और मुंह के संक्रमण को खत्म करने के घरेलू उपाय क्या हैं?
डेन्ट भी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। दाँत ही देह के अंग-प्रत्यंग को स्वस्थ्य व सुरक्षित रखते हैं।
ब्रिटिश डेंटल जर्नल में प्रकाशित एक शोध में पाया कि दन्त समस्याओं से जूझ रहे लोगों में कोविड-19 के गम्भीर लक्षण अधिक पाए गए।
रिसर्च में पाया कि मुख में होने वाले स्त्राव, गन्दगी, बदबू के चलते फेफड़ों में संक्रमण होता है।
आयुर्वेदिक ग्रन्थ आयुर्वेद सार संग्रह, अष्टाङ्ग ह्रदय, आयुर्वेद चंद्रोदय आदि किताबों में दांत-मसूड़ों को मजबूत बनाने के कुछ घरेलू उपाय बताएं हैं- जिन्हें आजमाकर देख सकते हैं।
निम्नलिखित ये 15 उपचार आपके दांतों को राहत दे सकते हैं।
【1】पेस्ट छोड़कर नीम, बबूल की दातुन करें।
【2】आयुर्वेदिक ओषधि युक्त डेन्ट की मंजन amrutam Dentkey manjan तनिष्का (अग्नितत्व) उंगली से करके 10 मिनिट बाद कुल्ला करें। अमरूद का खाली पेट सेवन करें।
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【3】1 या 2 लौंग रात को दांतों के नीचे दवाकर सोएं।
【4】कब्ज न होने देंवें।
【5】पेट साफ नहीं रहता हो, तो
अमृतम टेबलेट की 1 या 2 गोली रात को सोते समय सादे जल से लेवें।
पूर्ण चंद्र ग्रहण; बुधवार, 26 मई 2021; 5 ज्येष्ठ, शक संवत 1943
【6】गर्म चीज के तुरन्त बाद ठंडा न लेवें।
【7】सुबह फ्रेश होते समय अपने दांतों को अच्छी तरह भींच लेवें।
【8】मूत्र विसर्जन के समय दांतों को दबाकर रखें।
【9】मुख से श्वांस न लेवें।
【10】वादी की चीजें न खाएं।
【11】लिवर को शिथिल न होने दें।
【12】वात-पित्त-कफ को संतुलित रखें।
【13】दाँत भींच कर गहरी श्वांस लेवें और नाभि तक ले जाकर रोकें। फिर छोड़े। यह प्रयोग प्रतिदिन 100 बार करें।
【14】भोजन बहुत ही धीरे-धीरे, चबा चबाकर करें।
【15】सुबह उठते ही 2 से 3 ग्लास सादा जल पियें।
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दांत-मसूढ़े में दर्द का कारण…
दांतो में दर्द होने के के कई कारण हो सकते हैं। कभी दांतों में कीड़े लग जाने की वजह से दर्द उठता है तो कभी मसूढ़ों में किसी तकलीफ की वजह से दांत दर्द करने लगते हैं। कभी-कभी दांतो की जड़ें काफी ढीली हो जाती हैं। इस वजह से भी दांतों में असहनीय पीड़ा होती है।
ऐसी स्थिति में सही से ब्रश कर पाना काफी मुश्किल होता है और सांसों से बदबू आना भी शुरू हो जाता है। जब हम कुछ खाते हैं तो कुछ हिस्सा दांतों पर ही रह जाता है. जैसे सब्जी का दांतों में फंस जाना आदि।
गर्म के बाद ठंडे खाना या पीना।
अधिक तम्बाकू का उपयोग।
जल्दबाजी में खाना, खाना अर्थात भोजन खूब चबा चबाकर नहीं करना।
यह चीजें दांतों में सड़न पैदा करती हैं। जिससे दांत धीरे-धीरे कमजोर होते जाते हैं. खाना खाने के बाद हम कुल्ला नहीं करते जिसकी वजह से दांत ठीक से सांफ नहीं हो पाते हैं।
आज दुनिया में 72 फीसदी बच्चे दांतों में सड़न, मुहँ में बदबू और बड़ी उम्र के स्त्री-पुरुष मसूढ़ों, दाढ़ों की की समस्या से पीड़ित है।
हमारे खानपान की लापरवाही और बदलाव ने ओरल कैंसर (दन्त कर्क व्याधि) दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है।
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दांतों का आयुर्वेदिक चिकित्सा, देशी मंजन द्वारा आप दांतों की बीमारियों को रोक सकते हैं।
दिल के खतरे से बचाएगा- DentKey Malt और मंजन….
■ दांतों के खराब होने से हम ठीक से भोजन चबा नहीं पाते, जिससे मोटापा तेजी से बढ़ता है।
■ दांतों की गंदगी का संक्रमण ह्रदय रोग उत्पन्न करता है।
■ दांतों के टूटने का सम्बंध दिल की रक्त धमनियों से है।
■ अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक खराब मसूढ़े एक समय के बाद ब्लड ग्लूकोज लेबल को प्रभावित करने शुरू कर्कदेतेव्हेन।
■ दांतों की खराबी से डायबिटीज में तेजी से वृद्धि होती है।
■ बार-बार ब्रश न करें। विशेषकर खट्टा काने के बाद एक घण्टे बाद करें।
■ गर्म के बाद तुरन्त ठंडा न लेवें।
■ सुबह खाली पेट भूंजे चने खाकर पानी न पिएं
■ ज्यादा कड़क, थोड़ चीजे न खाएं।
■ अमरूद का उपयोग ज्यादा करें।
■ जनक फ़ूड, सोड़ा सुगर युक्त के सेवन से बचें।
■ केचअप, टोमैटो सूप बहुत कम लेवें।
डेन्ट की मंजन दो बार अवश्य करें। इसमें दंतरोग नाशक जड़ीबूटियों का मिश्रण है।
रात को सोते समय अमृतम टेबलेट की एक गोली सादे जल से लेवें।