स्वर्ग कैसे प्राप्त होता है

इन कामों से मिलता है स्वर्ग - आधुनिक जीवन में सफलता का अर्थ पैसों और सुख-सुविधा की चीजों से जुडा हआ है। आप जितना भी धन कमा लेंगे दुनिया आपको उतना ही कामयाब कहेगी, अंधाधुध पैसे कमाने की होड़ में कोई व्यक्ति ये नहीं सोचता कि उससे भौतिक दुनिया की सुख-सुविधा कमाने के कारण कितने पाप हो गए हैं। 

श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण ने कई नीतियों के उपदेश दिए हैं। इसमें बताए गए एक श्लोक के अनुसार, जो मनुष्य ये 4 आसान काम करता है, उसे निश्चित ही स्वर्ग की प्राप्ति होती है। ऐसे मनुष्य के जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्म माफ हो जाते हैं और उसे नर्क नहीं जाना पड़ता।

दान - करने का अर्थ है किसी दान जरूरतमंद को वो चीज निशुल्क उपलब्ध करवाना, जिसे पाने में वो अक्षम है। दान करने से पहले या बाद किसी को भी दान के बारे में नहीं बताना चाहिए। दान को हमेशा गुप्त ही रखना चाहिए।

आत्म संयम- कई बार ऐसा होता है कि हमारा मन और दिमाग दोनों विपरीत दिशा में चलते हैं और हम अधर्म कर बैठते हैं। गीता में दिए गए ज्ञान के अनुसार मन को वश में कर लेने से व्यक्ति द्वारा मिलन किसी पाप को करने की संभावना रहती है।

सत्य बोलना- कलियुग में सत्य और हुई असत्य का पता लगाना मुश्किल हो गया है। किसी भी व्यक्ति की बात को सुनने मात्र से ये नहीं कहा जा सकता कि वो झूठ बोल रहा है या सच। अगर आपने भूतकाल में कोई गलत काम किया है, तो आप शेष बचे जीवन में हमेशा सत्य बोलकर पापों का प्रायश्चित कर सकते 

ध्यान या जप- आधुनिक युग में ऐसे लोग बहुत कम बचे हैं, जो रोजाना ध्यान करते हो। पूजा-पाठ भगवान को प्रसन्न करने के लिए नहीं बल्कि स्वंय का स्वंय से मिलन करवाने के लिए की जाती है। आत्मध्यान करके हम आत्मसाक्षात्कार कर सकते हैं। नियमित रूप से स्वच्छ मन से जप या ध्यान करने से भूल से हुई गलतियों से पार पाया जा सकता है।

इन लोगों से नहीं लें सलाह- महात्मा विदुर महाभारत काल के महान नीतिज्ञ माने जाते हैं इन्हें धर्मराज का अवतार भी माना जाता है। इन्होंने हमेशा नीतियों और न्याय का पालन किया। इन्होंने अपनी नीतियों में बताया है कि मनुष्य को कोई भी काम शांति और समझदार लोगों की सलाह से करना चाहिए। वहीं भूलकर भी 4 लोगों से सलाह लेने से बचना चाहिए। ये 4 लोग ऐसे हैं जिनसे सलाह लेने पर नुकसान होना तय है। आइए जानें विदुर नीति के अनुसार वो 4 लोग कौन हैं जिनसे सलाह लेने से बचना चाहिए।

जिनकी बुद्धि हो ऐसी - विदुरजी के अनुसार जिन लोगों की बुद्धि कम होती है। उन लोगों से कभी सलाह नहीं लेना चाहिए। इनके अनुसार थोड़ी बुद्धि वाले कभी सही सलाह देने में- सक्षम नहीं होते हैं। वो खुद में ही अल्पबुद्धि के हैं तो किसी को क्या सलाह और विमर्श दे पाएंगे।

इसलिए ऐसे लोगों से गुप्त विचार विमर्श करने से अपना ही नुकसान होगा। ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए। ऐसे लोग आपकी गुप्त योजनाओं को दूसरों के सामने प्रकट कर सकते हैं।

दीर्घसूत्री व्यक्ति- दीर्घसूत्री व्यक्ति विषयों की गंभीरता समझने की बजाय उस पर इतना मंथन करने लग जाता है कि काम पूरा होने का समय ही निकल जाए। इस तरह की सोच वाले व्यक्ति की सलाह लेने पर काम में सफलता मिलना मुश्किल होता है। विदुरजी बताते हैं कि जो समझदारी से विचार करके परिस्थिति की गंभीरता के समझता जिससे हो उसी से सलाह लेने में मनुष्य की भलाई है।

जल्दबाजी में काम करने वाले - किसी काम को जल्दबाजी में निपटाने वाले व्यक्ति से भी कोई सलाह नहीं लेना चाहिए। विदुर नीति के अनुसार जो लोग काम को करने में हड़बड़ाहट मचाते हैं, ध्यान से नहीं करते हैं उनकी सलाह को भी कोई खास प्रमुखता नहीं देनी चाहिए। जल्दबाजी करने वाले मनुष्य से गुप्त सलाह लेना एक नुकसानदायी परिणाम दे सकता है।

चाटुकारिता करने वाले - करने वाले व्यक्ति से दूर रहना चाहिए। चाटुकार सच को छुपाकर आपको प्रसन्न करने वाली बात कहेगा वह आपकी कमियों को बताने से डरेगा और आप आत्ममुग्ध होकर गलती कर बैठेंगे जिससे आपका नुकसान होना तय है। इसलिए हमें सत्य को बोलने वाले की सलाह लेनी चाहिए।

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