छह राज्यों में कोरोना से जूझ रहे देश में अब बर्ड फ्लू का खौफ पसरने लगा है। अब तक देश के छह राज्यों में इस खोफनाक वायरस ने दस्तक दे दी है। अहम बात यह है कि ईफन के मामलों की जांच करने के लिए पूरे देश में सिर्फ एक ले भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की हाईसिक्योरिटी एनिमल डिसिस लेबोरेटरी है, जो भोपाल के आनंद नगर में स्थित है।
देशभर में इंफेक्शन के जितने भी मामले सामने आ रहे हैं, वे जांच के लिए भोपाल भेजे जा रहे हैं। ऐसे में इस लैब की हर रिपोर्ट पर पूरे देश की नजर बनी हुई है। 24 घंटे हो रही सैंपल की जांच गौरतलब है कि बर्ड फ्लू का पहला सैंपल राजस्थान से भेजा गया था। 28 दिसंबर को इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद काल और मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू वायरस के मामले सामने आने लगे।
अब इस खौफनाक वायरस का कहर हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और झारखंड में भी बरपने लगा है। ऐसे में भोपाल स्थित लैब में पांच वैज्ञानिकों की एक स्पेशल टीम लगातार 24 घंटे काम कर रही है। कोविड के साथ बर्ड फ्लू की जांच बता दें कि भोपाल स्थित आईसीएआर की लैब में इस वक्त कोविड-19 के सैंपल की भी जांच हो रही है। दरअसल, ऐसा पहली बार है, जब इस लैब में इंसान और जानवर के वायरस पर एक साथ काम किया जा रहा है।
बर्ड फ्लू के स्ट्रेन में भी बदलाव जांच कर रहे वैज्ञानिकों ने बताया कि इस बार बर्ड फ्लू के स्ट्रेन में भी बदलाव आया है। दरअसल, बर्ड फ्लू का वायरस एवियन इन्फ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है। पहले इस वायरस का स्ट्रेन एच5एन1 था। इस बार स्ट्रेन एच5एन8 है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह स्ट्रेन जानवरों और पक्षियों के लिए बेहद खतरनाक है, लेकिन इंसानों पर इसका ज्यादा असर नहीं होगा।