कानून वापसी के बाद ही उठेंगे : किसान नेता

सरकार की किसानों को चिट्ठी पर चिट्ठी, हालत वही
संगठनों को भेजे लेटर में लिखा- MSP से जुड़ी कोई नई मांग ना करें


नई दिल्ली, सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को बातचीत के लिए गुरुवार को फिर बुलाया। हालांकि केंद्र ने यह भी साफ किया कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से जुड़ी कोई भी नई मांग को बैठक के एजेंडे में शामिल करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि नए खेती काननों से इसका कोई संबंध नहीं है। कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने किसानों को भेजे गए लेटर में लिखा, 'अभी तक सरकार ने प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए सभी मुद्दों पर खुले मन से चर्चा की है। आगे भी सरकार ऐसा करती रहेगी। 

कृपया अगले दौर की बैठक के लिए आप लोग तारीख और समय बताएं। जिन मुद्दों पर बातचीत करना चाहते हैं, उनका ब्यौरा दें।' नए बुलावे पर सरकार को उम्मीद की किरण दिख रही है। एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि इस बार किसान संगठन नए ऑफर को नहीं ठुकराएंगे। क्योंकि किसानों को ही संशोधन का मसौदा तैयार करने का काम दिया जा सकता है। दरअसल, अभी सरकार की सबसे बड़ी चुनौती बीच का रास्ता निकालने की है। क्योंकि दूसरे राज्यों से हजारों लोगों के आने का दावा किया जा रहा है। 

मालूम हो कि सरकार और किसान संगठनों के बीच पिछले पांच दौर की बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला है। इसके अलावा गह मंत्री अमित शाह ने भी अलग से किसान नेताओं से बात की थी। सरकार ने कानून में संशोधन के प्रस्ताव दिए हैं, लेकिन संगठन कानून वापस लेने पर अड़े हैं। वह सरकार पर किसानों को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं।

कानून वापसी के बाद ही उठेंगे : किसान नेता 

दिल्ली की सीमाओं पर 29 दिनों से किसान डटे हुए हैं। गुरुवार को फिर 11 किसान नेता भूख हड़ताल पर बैठे। उन्होंने कहा, 'हम कानून वापसी के बाद ही यहां से उठेंगे। हमें यहां बैठे हुए एक महीना होना वाला है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। लग रहाहै कि वह कानून वापस लेने के लिए मूड में नहीं है।

एक और संगठन सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

नए खेती कानूनों को खारिज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कुछ किसान संगठनों ने याचिका दी है। गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति) ने भी कोर्ट में अपील की कि उसे इस मामले में पक्षकार बनाया जाए। यूनियन ने कहा, नए कानून कॉरपोरेट जगत को फायदा पहुंचाने वाले हैं और किसानों के हित नहीं हैं।

बागपत के 60 किसान कृषि मंत्री से मिले-

किसान मजदूर संघ से जुड़े बागपत जिले के 60 किसानों ने गुरुवार केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात की। कृषि भवन में इस मुलाकात में किसानों ने नए खेती कानून का समर्थन करने की बात कही। तोमर ने कहा कि इन किसानों मुझे कहा है कि नए कानूनों पर सरकार को किसी दबाव में नहीं झुकना चाहिए।

कांग्रेस का मार्च रोका, प्रियंका समेत कई हिरासत में-

किसानों के समर्थन में कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें रोका। प्रियंका गांधी समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया। इसके बाद राहुल गांधी की अगुवाई कांग्रेस की एक टीम ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। तीनों खेती कानूनों को वापस लेने की मांग की। 

राहुल ने कहा, मोदी के खिलाफ खड़े होने वालों को आतंकी कहा जाता है। अगर मोहन भागवत भी खिलाफ हुए तो उन्हें भी आतंकवादी बोल देंगे। 11 राजनीतिक पार्टियों के नेताओं नए खेती कानून पर तुरंत संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए साझा बयान जारी किया।

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