व्यापार (Business) एवं नौकरी (Job) में सफलता के उपाय

जीवन में उन्नति के उपाय, रोजगार में आ रही हो दिक्कत तो जानें उपाय

व्यापार एवं नौकरी में सफलता के उपाय

देव गुरु वृहस्पति जीवन के ग्रह हैं. जब-जब गोचर में इनके साथ पापी ग्रहों की दृष्टि युति होती है तब-तब संपूर्ण मानवता पर संकट उत्पन्न हो जाता है. केतु एवं राहु सूक्ष्म जीवाणुओं का प्रतिनिधितव करते हैं. जाहिर है गुरु से इनकी दृष्टि युति संसार के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ. वराहमिहिर भारत की राशि मकर बताते हैं, जहां अभी गुरु व शनि विराजमान हैं, जो 2021 के नवंबर तक महामारी के साथ भयानक उथल-पुथल के संकेत दे रहे हैं. इस विषम समय में दुनिया की अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है, जिसका परिणाम है कि लोगों की नौकरियां छूट गयी हैं या छूटने के कगार पर हैं...

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रोजगार छूटने के अन्य कारण-

कुंडली का दशम भाव व्यवसाय का है, जिनका कारक तत्व चार ग्रहों को प्राप्त है, जो क्रमशः सूर्य, शनि, गुरु एवं बुध हैं. शनि, सूर्य एवं बुध नौकरी तो दिलाते हैं, लेकिन नौकरी में बने रहना या लाभ की स्थिति गुरु पर निर्भर है. कभी-कभी कुंडली में काल सर्पदोष, केनद्रुमयोग, ग्रहणदोष, अंगरदोष या अन्यदोष विधमान हों, तो इनका यथाशीघ्र सामाधान करना अपेक्षित है. कभी-कभी कुंडली का दशम भाव पाप प्रभाव में हो अथवा इस भाव के स्वामी छठे, आठवें या द्वादश भावस्थ हों तब इनकी महादशा या अंतर्दशा आते ही नौकरी छूट जाने की संभावना बन जाती है. कुछ जरूरी ज्योतिषीय उपाय इनका निराकरण अवश्य करते हैं.

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रत्न संबंधी ज्योतिषीय उपाय-

ज्योतिष में रोजी-रोजगार संबंधी समस्याओं से उबरने के लिए कई उपाय बताये गये हैं. इन उपायों में क्रमशः कई भेद हैं, लेकिन मुख्य रूप से हम रत्न, मंत्र या घरेलू उपायों द्वारा इसे दूर करते हैं. हर जातक को कुंडली का विश्लेषण अवश्य करना चाहिए. इसके बगैर रत्न नुकसानदेह हो सकते हैं. अगर ग्रहों में सूर्य से समस्या हो, तो माणिक, शनि से नीलम, बुध से पन्ना, गुरु से पीला पुखराज, शुक्र से सफेद मूंगा या हीरा, चंद्रमा से मोती, मंगल से लाल मूंगा, राहू से गोमेद एवं केतू से लहसुनिया रत्न शुक्ल पक्ष के किसी खास दिन या नक्षत्र में धारण करने की सलाह दी जाती है.

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कुछ सामान्य उपाय-

अगर जातक का जन्म वायुतत्व राशि मेंहुआ हो या कर्मभाव या उसका भावेश वायुतत्व राशि का हो, तो मंत्र जाप अति प्रभावशाली होते हैं. अगर उपरोक्त भाव अग्नितत्व राशि में हो तो जप एवं हवन प्रभावशाली हैं. अगर ये भाव जलतत्व राशि के हों, तो ग्रहों के अनुसार उनके पौधों में प्रतिदिन जल दें.आकाश तत्व के लिए ईश्वर का भजन या आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ अति प्रभावशाली है. प्रतिदिन सूर्य को लाल पुष्प या रोली मिला जल दें. इनके मंत्र का जाप 108 बार प्रतिदिन करें. केला, शमी एवं पीपल में ग्रहों के अनुसार जलदें.नदी को स्वच्छ रखें.शाकाहार रहें एवं हनुमान चालीसा, शिव चालीसा का नियमित पाठ करें.

- पीएन चौबे ज्योतिषाचार्य

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