बदलते मौसम में रखें सेहत का खास ख्याल

बदलते मौसम में रखें सेहत का खास ख्याल

- बदलते मौसम में स्वास्थ्य की देखभाल -

सर्दी का मौसम अब जाने को है, इसी के साथ वातावरण में भी पूरी तरह से बदलाव आना शरू हो गया है जहां दिन में कभी-कभी गर्मी तो रात को सर्दी होती है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में ज्यादा अंतर होने पर शरीर अपने को इस अनुसार आसानी से ढाल नहीं पाता। ऐसा बदलता मौसम किसी को भी बीमार कर सकता है। ऐसे में खान-पान या फिर गर्म कपड़े पहनने को लेकर की गई लापरवाही का असर सीधा सेहत पर पड़ता है।

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मौसम तेजी से करवट ले रहा है। इस मौसम में विभिन्न प्रकार के कीटाणु व बैक्टीरिया के पनपने की आशंका काफी बढ़ जाती है। बदलता मौसम अपने साथ कई चुनौतियां लेकर आता है। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार मौसम का सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। एलोपैथ, आयुर्वेद व होम्योपैथी, इन तीनों चिकित्सा विज्ञान में जिक्र किया गया है कि बदलता मौसम ऐसा वक्त होता है, जब रोग काया में घर करने लगते हैं। इन दिनों रोगों से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है। जब मौसम में बदलाव होता है तो वह हमारी इम्यूनिटी को भी बदल देता है।

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इससे एलर्जिक और  वायरल संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है या कमजोर मरीजों को शिकार बनाने में वायरस सफल रहता है। इससे वायरल बुखार व सर्दी-खांसी होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में सांस के रोगी, डायबिटीज व टीबी के मरीजों को बेहद सावधान रहने की जरूरत होती है। ऐसे में अपना ख्याल रखना बहुत जरूरी है, ताकि मौसम की वजह से होने वाली छोटी- मोटी बीमारियों से बचा जा सके।

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बढ़ने लगे मरीज-

पिछले कुछ समय से मौसम में आ रहे बदलाव का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। अब दिन में तो गर्माहट महसूस होती है, पर सुबह-शाम ठंड है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही से भी स्वास्थ्य खराब हो सकता है। अभी खांसी, जुकाम और वायरल बुखार के बहुत अधिक मरीज देखने को मिल रहे हैं। बदलते मौसम के दौरान सावधानी नहीं बरते जाने पर लोग वायरल बुखार से पीड़ित हो सकते हैं। बुखार अधिक दिनों तक रह जाए तो व्यक्ति निमोनिया या फेफडे के संक्रमण का भी शिकार हो सकता है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि आप कुछ सावधानियां बरतें।

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बढ़ रही सर्दी का हृदय रोगों से गहरा संबंध होता है। इसकी वजह से हृदय व रक्त संचार प्रभावित होते हैं। जैसे-जैसे ठंड बढती है, खुन का दौरा यानी ब्लड सकुर्लेशन कम होता जाता है। ऐसे में रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इस कारण दिल के मरीजों में हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। इस मौसम में दिल और उच्च रक्तचाप के रोगियों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए। ठंडे मौसम की वजह से दिल की धमनियां सिकड जाती हैं, जिससे दिल में रक्त और ऑक्सीजन का संचार कम होने लगता है। 

इससे हाइपरटेंशन और दिल के रोगों वाले मरीजों में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ठंडे मौसम में ब्लड प्लेटलेटस ज्यादा सक्रिय और चिपचिपे होते हैं, जिससे रक्त के थक्के जमने की आशंका बढ़ जाती है। उच्च रक्तचाप के मरीज 40 साल की उम्र के बाद रक्तचाप की जांच कराते रहें। ब्लड प्रेशर, शुगर व कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच भी जरूरी है।

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सांस के रोगियों की आफत -

बदलते मौसम में 60 से 70 प्रतिशत ज्यादा खांसी व दमा की बीमारियां बढ़ जाती हैं। लापरवाही के कारण खांसी व दमा की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। सामान्य मौसम में नाक से ठंडी हवा प्रवेश करने पर गर्म होकर फेफड़ों तक पहंचती है, जबकि इस मौसम में यह हवा गर्म नहीं हो पाती। इससे खासी होती है, जिसका अस्थमा से पीड़ित लोगों के फेफड़ों पर ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है। लगातार ऐसा होने से फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। इससे सांस के रोगियों को सांस लेने में तकलीफ होती है। समय पर इलाज न होने से निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है।

अवसाद और तनाव से बचें-

बदलते मौसम में अकसर लोग अवसाद या तनाव के भी शिकार हो जाते हैं। ऐसे लोग ज्यादा चीनी, ट्रांसफैट और सोडियम व ज्यादा कैलोरी वाला भोजन खाने लगते हैं, जो मोटापे, दिल के रोगों और हाइपरटेंशन से पीडित लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। शरीर के वजन को नियंत्रित रखें। शाकाहारी बनें, हरी सब्जिया, सलाद का सेवन करें

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खानपान का रखें ख्याल-

बदलते मौसम में नियमित रूप से व्यायाम और संतुलित व पौष्टिक भोजन का सेवन करें। बादाम और पिस्ते का सेवन हृदय रोगियों के लिए लाभदायक है। ग्रीन टी व विटामिन डी से भरपूर भोजन का सेवन करें।

डायबिटीज है तो संभल जाएं-

जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या आनुवंशिक है, उन्हें तुरंत अपने वजन पर नियंत्रण कर लेना चाहिए। डायबिटीज का फास्टग लेबल 110 के नीचे और खाना खाने के बाद का 180 के नीचे रहना चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को हार्ट अटैक का खतरा रहता है, उन्हें ब्रेन हैमरेज भी हो सकता है। सर्दी में गर्म कपडे पहनें, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें।

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सफाई का रखें ध्यान-

सर्दी-जकाम और पल जैसी बीमारियों से बचने का सबसे आसान तरीका है हाथों को साफ रखना। हमारे हाथ हमेशा ही गंदे रहते हैं क्योंकि ज्यादातर लोग अपने हाथों को सामने रखकर खांसते या छींकते हैं या फिर पूरे टाइम अपनी नाक को हाथों से ही पोछते रहते हैं। लिहाजा हाथों को साबुन-पानी से अच्छी तरह से धोना बेहद जरूरी है। डॉक्टरों की मानें तो कम से कम 20 सेकंड तक हथेली, उंगली, उंगली के टिप्स, हाथों के पीछे का हिस्सा और नाखून के आसपास के हिस्से को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। अगर आप ऐसी जगह पर हैं जहां आप हैंडवॉश नहीं कर सकते तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

ऐसी चीजे खाये ताकि इम्युनिटी हो स्ट्रांग -

जिन लोगों को जल्दी सर्दी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां जकड़ लेती हैं, अक्सर उन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। उन लोगों को इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग करने वाली चीजें खानी चाहिए। ऐसे लोग चाहें तो ग्रीन टी या ब्लैक टी पी सकते हैं, लेकिन दिन में केवल एक या दो कप ही पिएं। ज्यादा पीने पर तबियत बिगड़ भी सकती है। इसके अलावा आप कच्चा लहसुन, दही, ओट्स, विटामिन डी और सी युक्त पदार्थ जैसे नीबू और आंवले का सेवन कर सकते हैं।

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फिटनेस पर दें ध्यान-

सुबह उठकर एक गिलास ताजा पानी पीए। यह न सिर्फ शरीर को डीटॉक्स करता है, बल्कि पाचन क्रिया भी दुरुस्त करता है और स्किन को ड्राई होने से बचाता है। बदलते मौसम में डायट और फिटनेस पर खास ध्यान दें। जिम नियमित जाएं। रोज आधा घंटे टहलना बहुत जरूरी है। अखरोट और बादाम जरूर खाएं। यह आपको हेल्दी रखने में मदद करेगा।

भरपूर पानी पीयें-

सर्दी हो या गर्मी शरीर के लिए पानी बहुत जरूरी है। इसके लिए भरपूर पानी का सेवन जरूर करें। गुनगुने पानी का सेवन पाचन क्रिया को भी ठीक रखता है। खाना खाने के एक घंटा पहले और खाना खाने के आधे घंटे बाद ही पानी पीएं। ठंडा पानी से गला ज्यादा खराब हो सकता है।

एक कप गर्म चाय-

अदरक, तुलसी और काली मिर्च वाली एक कप गर्म चाय सर्दी से राहत पाने का असरदार घरेलू अपाय है। सूप उबालते समय उसमें लहसुन की कुछ कलियां जरूर डाल दें। इससे सर्दी-जुकाम में शीघ्र लाभ मिलता है। गर्म पानी का उपयोग बेहद फायदमद हाता है।

पौष्टिक आहार से मिलेगा पोषण-

इन दिनों मौसम में काफी उतार-चढाव हो रहा है। ऐसे में सेहत प्रभावित होती है। सावधानी बरतें। खुली हवा में सिर और माथा ढंक कर निकलें। सुबह भरपेट नाश्ता करें, ताकि संक्रमण की आशंका कम हो। पानी की कमी से बचें। हल्का गुनगुना पानी पिएं। पौष्टिक आहार लें। भोजन में सूप, हरी सब्जियां, फल और ग्रीन टी शामिल करें। ये इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहयोग करते हैं। साफ-सफाई का ध्यान रखें। ऊनी कपड़े पहने रहें।

रोज पिएं गिलोय का पानी-

बदलते मौसम में खुद को बीमारियों की चपेट में आने से बचाने के लिए एक इंच ताजी गिलोय स्टिक को दो कप पानी में इतना उबालें कि आधा कप पानी बचे। इस पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर रोज सुबह खाली पेट पिएं। गिलोय कुदरती रूप से इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। साथ ही कई तरह के बुखार से लड़ने में शरीर की मदद करता है। इसके अलावा हर्बल टी पीएं। इसके लिए अदरक, तुलसी, सौंफ और लौंग डालकर चाय बनाएं, उसमें शहद मिलाकर पीयें। यह नैचरल इम्यून बूस्टर का काम करेगी।

हल्दी, तुलसी और अदरक का करें सेवन-

हल्दी, तुलसी और अदरक ये तीनों शाकाहारी भोजन में मौजद सबसे ज्यादा ताकतवर एंटीबायोटिक हैं। ये आपके इम्यून सिस्टम को बढिया कर देंगे। इनका सेवन किसी भी रूप में नियमित रूप से करें। इसके अलावा संतरा, मौसमी आदि रसीले फलों में भरपूर मात्रा में मिनरल्स और विटमिन-सी होता है। फल एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए फलों को नियमित तौर पर सेवन करें। हालांकि, फल खरीदते समय उनकी क्वॉलिटी पर ध्यान दें, कटे-गले फल न लें।

नींद पूरी ले -

इस मौसम में हेल्दी डाइट और पर्याप्त नींद जरूरी है। नींद पूरी होने के बाद आप सुबह तरोताजा महसूस करेंगे। गाजर और टमाटर का उपर्याग पर्याप्त मात्रा में करें। दोनों में बीटा कैरोटीन और दूसरे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर से टॉक्सिन्स को हटाने में मदद करते हैं।

बेपरवाह न हो जाएं-

सर्दियां जब जाने वाली हो और गर्मियां दस्तक देने वाली हो, उस समय के दौरान से ठंडी चीजें खाना शुरू न कर दें।


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