वायु प्रदूषण से अर्थव्यवस्था को 2.6 लाख करोड़ का नुकसान, साल में 17 लाख मौतें

 आईसीएमआर के अध्ययन में खुलासा...देश में 2019 में हुई कुल मौतों में 18 फीसदी की वजह वायु प्रदूषण


नई दिल्ली। देश में हर साल वायु प्रदूषण की वजह से लाखों लोगों की मौत हो रही है। पिछले साल 17 लाख मौतों के पीछे एक वजह वायु प्रदूषण रही है। वहीं प्रदूषण के चलते देश की अर्थव्यवस्था को 2.6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान भी पहुंचा है।

लांसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2019 में हुई कुल मौतों में 18 फीसदी वायु प्रदूषण के कारण हुई। इतना ही नहीं, वर्ष 1990 से 2019 तक 20 साल की स्थिति देखें तो घरों के प्रदूषण में 64 फीसदी की गिरावट हई है, लेकिन घरों से बाहर वायु प्रदूषण में 115 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर साल के 12 महीने सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। 

ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2019 के मताबिक, भारत में 16.7 लाख लोगों की मौत के पीछे वाय प्रदूषण एक कारण रहा है। यह आंकड़ा देश में हुई कुल मौतों का 17.8 फीसदी है। देश में 6.1 लाख लोगों की मौत में घर का प्रदूषण भी एक कारण रहा है। वहीं 9.8 लाख लोगों की मौत के लिए बाहरी वातावरण में मौजूद प्रदूषित कण जिम्मेदार हैं।

जीडीपी : 1.4% का नुकसान - डॉ. ललित कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण से 2019 में भारत की कुल जीडीपी का 1.4 फीसदी का नुकसान हुआ। यह करीब 2.6 लाख करोड़ रुपये के आसपास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन में कहा था कि भारत प्रदूषण को कम करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 

32.5 फीसदी मौतें सांस की गंभीर बीमारी के कारण-

2019 में सबसे ज्यादा 32.5 फीसदी मौतें गंभीर श्वसन रोगों की वजह से हुई हैं। जबकि 29.2 फीसदी मौतें हार्ट अटैक हुई हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ललित कुमार बताते हैं कि वायु प्रदूषण से सीधे मौत होने की पुष्टि नहीं की जा सकती है, लेकिन यह सहायक भूमिका निभाता है। 

वहीं 2019 में 16.2 फीसदी मौतें स्ट्रोक, 11.2 फीसदी मौतें निम्न श्वसन संक्रमण, 5.2 फीसदी नवजात शिशु रोग, 3.8 फीसदी मधुमेह और 1.7 फीसदी लोगों की मौत फेफड़ों में कैंसर होने से हुई हैं। फेफड़ों में कैंसर होने के पीछे भी वायु प्रदूषण के पीएम 2.5 कण सबसे बड़ी वजह माने जाते हैं।

इन राज्यों में घर का प्रदूषण अब भी ज्यादा-

रिपोर्ट के मुताबिक, देश के कई राज्यों में अभी भी घर का प्रदूषण सबसे ज्यादा है। यहां की सरकारों को घर के अंदर प्रदषण कम करने की योजनाओं काम करने की सलाह दी गई है। इसके मताबिक बिहार, मध्यप्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश में घरों के अंदर प्रदूषण सबसे ज्यादा है। वहीं उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान और दिल्ली में ओजोन प्रदूषण भी सबसे ज्यादा दर्ज किया गया है।

 प्रदूषण से लड़ाई में - सहायक होगा अध्ययन-

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा, इस अध्ययन में वायु प्रदूषण को लेकर देश की ताजा तस्वीर सामने प्रधानमंत्री आई है। प्रदूषण से निपटने के लिए भारत कई क्षेत्रों में अहम कार्य कर रहा है। इस लड़ाई को सफल बनाने में यह अध्ययन सहायक रहेगा।


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