19वां दिन किसान आंदोलन का

किसानों ने दिल्ली कूच का नारा दिया, किसानों के आंदोलन का 19वां दिन

क्या इंफॉर्मेशन है और कौन सा रूट है? देखते है- 

विश्स्निये सूत्रों के अनुसार, आम लोगों के लिए - 11:00 बजे अलवर में बैठक करने के बाद किसान  दिल्ली की तरफ अपनी ट्रैक्टर और ट्रॉली से कूच, जिन्हें रोकने के लिए गुरुग्राम पुलिस ने एक हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती कर रखी है तमाम व्यवस्था कर रखी है और जितने भी टोल प्लाजा है जिन्हें फ्री कराने की कोशिशें किसान कर सकते है

पुलिस का कहना है कि किसी भी कीमत पर NH8 को जयपुर हाईवे को जाम नहीं होने दिया जाएगा, अगर किसान ऐसा करते हैं तो हालात का जायजा लेने के बाद ही कोई फैसला किया जाएगा कि उनको हिरासत में लिया जाएगा या कोई वैकल्पिक जगह दी जाएगी, किसी भी कीमत पर जो बात हुई थी करीब 200 से 300 किसानी शाजापुर में जुटे हुए थे और उसके बाद और लोगों के आने की संभावना जता रहे थे और अब जब वह अलवर में मीटिंग करने के बाद दिल्ली की तरफ कूच करेंगे उस वक्त कितनी संख्या होगी इसका भी कोई अंदाजा नहीं है लेकिन प्रशासन ने साफ कर दिया है कि किसी भी कीमत पर NH8 को जाम नहीं होने दिया जाएगा।

दोनों तरफ का रास्ता अब ट्रैफिक की आवाजाही के लिए खुल चुका है, आपको दिल्ली से नोएडा की तरफ आना है या नोएडा से दिल्ली की तरफ आ रहे है तो आप आ - जा सकते हैं, नोएडा से दिल्ली जाते हैं उनके लिए यह खबर है की आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है यहां पर किसान बैठे हैं अभी भी रामायण का पाठ चल रहा है

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किसानो की राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री व् नरेंद्र सिंह तोमर जी कृषि मंत्री से वार्ता हुई थी किसानो ने यह बताया की हमारे बडे पदाधिकारी है, उन्होंने मीटिंग बुलाई है, जिसमे नए कानून को समाप्त करने के लिए किसान आयोग के गठन की मांग कर रहे थे 

अच्छी खबर- अब ट्रैफिक डायवर्जन नहीं करना पड़ेगा डीएनडी पर जो कई किलोमीटर लंबा जाम होता था अब वह नहीं होगा यानी कल जब ज्यादातर लोग अपने दफ्तर के लिए जाएंगे तो वह राहत की सांस लेंगे क्योंकि यहां पर ट्रैफिक अब खुल चुका है हालांकि जो आंदोलन है वह भी चल रहा है वो रास्ता जो कि मयूर विहार से होते हुए नोएडा को कनेक्ट करता है यूपी को कनेक्ट करता था वो रास्ता बीच में बंद था आने के लिए जाने के लिए वह रास्ता खुला है चिल्ला बॉर्डर जिसे कहते हैं और यह बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट परमिशन है 

लोगों की दिक्कत को समझते हुए इस रास्ते को खोला गया है अट्ठारह 18 दिन हो चुके है, तीनों कृषि कानूनों के फायदे समझाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सरकार का एक एक मंत्री जुटा हुआ है लेकिन गतिरोध नहीं टूट रहा है, शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को फिर संदेश दिया संदेश की नए बाजार मिलेंगे, नए विकल्प मिलेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के संदेश के बावजूद किसान सिंधु बॉर्डर पर जमा है और आगे की रणनीति पर अड़े हुए है, सरकार पर तीनों कानून वापस लेने का दबाव बनाने के लिए आज के दिन दिल्ली चलो का नारा दिया गया, राजस्थान के हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालकर आन्दोलन को और तेज करने का निर्णय लिया, कल 11:00 बजे से हर जिले में प्रदर्शन करेंगे, किसानों का प्रदर्शन सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक चलेगा किसान बीजेपी के मंत्रियों और नेताओं का घेराव भी कर सकते हैं 

सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों ने सरकार को अब 19 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है इसके बाद किसान अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। सरकार के मंत्री लगातार आग्रह कर रहे हैं और ऐसे में किसानों का वो धड़ा भी अब खुलकर सामने आ रहा है जो कृषि कानूनों को फायदे का सौदा मानता है हरियाणा के किसानों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और मुलाकात करके उन्हें समर्थन पत्र दिया और कहा कि सरकार असल में किसान आंदोलन नहीं रहा उसका राजनीतिक रूप ले लिया है। 

किसानों को मिलेगी कृषि कानूनों की सही तस्वीर – किसानों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सरकार के साथ बीजेपी भी एक्टिव मोड में आ गई है, बिहार में बीजेपी आज से 13 दिन का जागरूकता अभियान शुरू कर रही है, बीजेपी नेता बिहार के 38 जिलों में चौपाल लगाएंगे और कृषि कानूनों के फायदे किसानों को बताएँगे

जिस कृषि कानून को अन्नदाता काला कानून बता रहे है, सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे है, व् आंदोलन को धार दे रहे वहीं नया कृषि कानून, मध्य प्रदेश के किसानों के लिए संजीवनी बन गया, मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के कई गांव के किसानों ने मंडी के उच्चतम भाव पर खरीदने के लिए फॉर्चून राइस लिमिटेड कंपनी दिल्ली से लिखित तौर पर कॉन्ट्रैक्ट किया था कॉन्ट्रैक्ट में साफ-साफ लिखा था कंपनी किसानों से 2950 + 50 बोनस पर खरीदेगी, लेकिन बाद में कंपनी ने अपने कदम पीछे खीच लिए 

किसानों ने कंपनी के कर्मचारियों से फोन पर संपर्क साधा तो फोन स्विच ऑफ मिला, जिसके बाद किसानों ने एसडीएम का दरवाजा खटखटाया, किसानो ने माननीय महोदय से कहा कि इस तरीके की यह जो धोखेबाजी है, कंपनी पर रोक लगाएं धान 9 और 10 दिसंबर को मंडी में भाव 3000 प्रति क्विंटल पहुंचा लेकिन जैसे ही धान का भाव 3000 प्रति क्विंटल हुआ, कंपनी ने अपने कदम पीछे खिंच लिए, किसानों ने कंपनी के अनुबंध के बाद भी इस पर रोक लगाएं, इनके वेयरहाउस में जिन किसानों का माल रखा है, कहीं यह लेकर भाग ना जाए उन पर उस पर भी निगरानी करें और पता लगाएं, जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आया और भोपाल एक्ट कॉन्सिलिएशन बोर्ड का गठन किया, बाद में बोर्ड के सामने कंपनी ने इस बात को स्वीकार किया 

कम्युनिकेशन संरक्षण अधिनियम के तहत होशंगाबाद के नए कानून को अपने लिए संजीवनी बता रहे हैं अभी जो एसडीएम कोर्ट का फैसला आया है वह स्वागत योग्य है और सरकार के जो भी नए नियम है उनका भी स्वागत योग्य से किसानों को फायदा मिला है।



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