लंबे समय तक वायु प्रदूषण के बीच रहना, हो सकता है कैंसर!

लंबे समय तक वायु प्रदूषण के बीच रहना, हो सकता है कैंसर!

लंबे समय तक वायु प्रदूषण के बीच रहना, हो सकता है कैंसर!

वायु प्रदूषण के बीच लंबे समय तक रहना से हो सकता है कैंसर है

मुंबई, नवम्बर। विश्व स्वास्थ्य संगठन अनुसार वायु प्रदूषण के बीच लम्बे समय तक रहना कैंसर की वजह बन सकता है। इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. सुधा कंसल ने बताया कि हवा में घुलता जहर फेफड़ों के कैंसर और सांस से जुड़ी बीमारियों को बढ़ा रहा है। 

स्टमक और ब्रेस्ट कैंसर के बाद तीसरा सबसे कॉमन कैंसर लंग्स यानी फेफड़ों से लंग्स कैसर होने का पहला कारण है तम्बाकू और स्मोकिंग। चौंकाने वाली बात यह है कि देश में स्मोकिंग न करने वालों (नॉनस्मोकर्स) में लंग्स कैंसर के मामले पिछले एक दशक में 50 फीसदी तक बढ़े हैं। इसके सबसे ज्यादा मामले महिलाओं में सामने आए हैं। 

लंग्स कैंसर से कैसे बचें और यह कितना खतरनाक है? 

लोगों को यह बात समझाने के लिए हर साल नवम्बर माह को लंग्स कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है।

नॉन-स्मोकर्स में मामले क्यों बढे-

डॉ. सुधा नकहती है कि नवम्बर से जनवरी तक हवा अधिक पिछले 10 सालों में सिगरेट न पीने वालों में लंग्स कैसर के मामले 5 गुना बढ़े जहरीली हो जाती है। इस दौरान हवा एक दिन में 70 सिगरेट पीने जितनी जहरीली हो जाती है। हवा में पॉल्यूशन दो तरह से बढ़ता है। 

पहला ओजोन और दूसरे पीएम पार्टिकल्स। 2.5 माइक्रॉन वाले बेहद छोटे कणों का सीधे तौर पर लंग्स कैसर से कनेक्शन है। जब ये कण शरीर में पहुंचते हैं तो बॉडी के डीएनए तक में बदलाव ले आते हैं जो कैंसर की वजह बनता है। मामला सिर्फ कैसर तक ही सीमित नहीं है। 

हवा में बढ़ता प्रदुषण धूम्रपान न करने वालों में भी बढ़ता एयर पॉल्यूशन अस्थमा, सीओपीडी और ब्रॉन्काइटिस के बढ़ा रहा मामले अस्थमा, सीओपीडी, ब्रॉन्काइटिस के मामले बढ़ा रहा है। दुनियाभर में हर साल लंग्स कैसर के 10.38 लाख मामले सामने आते है। इसकी बड़ी वजह एयर पॉल्यूशन है, जो आमतौर पर तम्बाकू के धुएं के साथ शरीर में पहुंचता है। 

स्मोकिंग सीधे तौर पर हो या इसके धुएं के सम्पर्क में आएं, सेहत पर नुकसान होना तय है। थकावट, सिरदर्द, बेचैनी और आंख-नाक-गले में इरिटेशन होना भी एयर पॉल्यूशन के असर को बताता है। यह नर्वस सिस्टम और हार्ट दोनों को डैमेज कर सकता है।

कौन से लक्षण लंग्स कैंसर का इशारा करते हैं -

- लम्बे समय तक खांसी आना या खांसने की आवाज बदलना। 

- सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आना। 

- खांसते समय मुंह में बून निकलना। 

- वजन तेजी से कम होना और भूख कम लगना। 

- सांस की नली में सूजन रहना और संक्रमण जल्दी-जल्दी होना। 

- कंधे, पीठ और पैरों में दर्द रहना भी लंग कैसर के लक्षण हैं। 

- ऐसे में करना क्या है, यह भी समझ लीजिए 

- सुबह-शाम पॉल्यूशन अधिक होता है इसलिए खुले में एक्सरसाइज करने की जगह कमरे ही करें तो बेहतर है। 

धूम्रपान और तम्बाकू का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें। सांस के रोगी खासतौर पर अपने साथ इन्हेलर और जरूरी दवाएं जरूरी रखें। बाहर निकलने पर मारक जरूर लगाएं. यह कोविड से भी बचाएगा और पॉल्यूशन को भी कुछ हद तक रोकेगा।

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