प्राणायाम, मेरी आदत और स्वभाव का हिस्सा बन चुके है
योग, प्राणायाम और ध्यान मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। एक अभिनेता के लिए यह और भी जरूरी है। इसकी वजह है कि अलग-अलग फिल्मों में चुनौतीपूर्ण किरदारों को वही अभिनेता सफलतापूर्वक निभा सकता है, जो मानसिक रूप से स्वस्थ है.
अच्छी सेहत का राज है - प्राणायाम। पिछले 20 साल से प्राणायाम कर रहा हूं। बिना प्राणायाम के अन्न नहीं खाता। अगर रात में शूटिंग चल रही हो, तो प्राणायाम करने के बाद खाता हूं।
बीस वर्षों में कोई पंद्रह-बीस अपरिहार्य परिस्थितियों में ऐसा हुआ है कि प्राणायाम नहीं कर पाया। जिम में मैं शौकिया जाता हूं। प्राणायाम तो अगर मोटर साइकिल पर हूं या हवाई जहाज में या कार में कर लेता हूं, प्राणायाम मेरी दिनचर्या का अनिवार्य हिस्सा है। खाने को लेकर कोई कठोर नियम नहीं हैं।
मन कर रहा हो तो खाता हूं। 1000-1500 के बीच कपालभाति करता हूं। पांच से बीस मिनट तक अनुलोम-विलोम करता हूं। शरीर का स्वस्थ होना एक्टर के लिए ही नहीं, हर व्यक्ति के लिए जरूरी है।
मोटे और बीमार लोग भी एक्टिंग कर लेते हैं, पर स्वस्थ शरीर के बगैर किसी भी पेशे में वह बात पैदा नहीं हो पाती जिसकी दरकार है। अगर आप स्वस्थ हैं, तो परिवार-बच्चों के साथ और आपकी अपनी दुनिया में एक अलग रंग आ जाता है। आपकी दुनिया खुशनुमा हो जाती है। जीवन में सफल बनने के लिए स्वस्थ और सुंदर होना सबसे महत्त्वपूर्ण सीढ़ी है।
आप योग के बाद ध्यान-साधना और प्राणक्रिया करते हैं, तो जो भी चाहते हैं वह मिलता है। अगर मोक्ष को लक्ष्य बनाएंगे, तो भोग पीछे-पीछे आता है।
भोग की मजबूरी है पीछे-पीछे आना। मुझे लगता है एक्टर की शारीरिक बनावट और उसका स्वस्थ होना इसलिए भी निहायत जरूरी है कि एक स्वस्थ व्यक्ति ही मानसिक तौर पर स्वस्थ होता है।
अगर एक्टर स्वस्थ है, तो उसमें निश्चित तौर पर लोच होगी और यह जो लोच उसके भीतर है यह उसकी अलग-अलग किरदारों में आसानी से ढल जाने में मदद करेगी। वह एकदम सरल-सहज जीवन जिएगा।
एक एक्टर के तौर पर भी और एक फैमिलीमैन के रूप में भी, और उसकी दर्शकों के बीच भी निश्चित रूप से लोकप्रियता बढ़ेगी और वह अपने जीवन में सफलताओं का आनंद भी उठा पाएगा।
मुझे खुद अपने लोचदार व्यक्तित्व की वजह से अपने अब तक के सिनेमाई सफर में अलग-अलग किरदारों को निभाने में कभी कोई दिक्कत पेश नहीं आई, जबकि कई किरदार बेहद चुनौतीपूर्ण थे, पर उनको भी बहुत सहजता से निभा ले गया। और स्वभाव की यही फ्लैक्सिबिलिटी मुझे अपने सिनेमाई सफर में हमेशा मदद करती रही है, पर यह मुमकिन हो सका एक स्वस्थ और लोचदार व्यक्तित्व की वजह से।
(लेखक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता हैं)