कोरोना की जांच - 10 मोबाइल लैब घूमेंगी, 30,000 जांचें रोजाना होंगी, छह घंटे में मिलेगी रिपोर्ट

कोरोना की जांच - 10 मोबाइल लैब घूमेंगी,

कोरोना की जांच - 10 मोबाइल लैब घूमेंगी,

दिल्ली में गृहमंत्री शाह ने किया आरटी पीसीआर 
मोबाइल लैब का उद्घाटन 
10 मोबाइल लैब घूमेंगी, 30,000 जांचें रोजाना होंगी,
छह घंटे में मिलेगी रिपोर्ट

नई दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में मोबाइल वैन आरटी-पीसीआर लैब का उद्घाटन किया। अंसारी नगर स्थित आईसीएमआर मुख्यालय में लैब के उद्घाटन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी मौके पर मौजूद रहे। आईसीएमआर की यह मोबाइल वैन लैब कंटेनमेंट जोन के पास लगाई जाएगी। यहां कोई भी 499 रुपए देकर कोरोना की जांच करा सकेगा। 

इसकी रिपोर्ट केवल 6 घंटे में आ जाएगी। पूरी दिल्ली में इस तरह की एक हफ्ते के भीतर 10 मोबाइल टेस्टिंग लैबोरेटीकाम करना शुरू कर देंगी, एक मोबाइल टेस्टिंग लैबोरेट्री से 3000 सैंपल लिए जा सकते हैं, यानी 10 वैन से 30 हजार सैंपल इकट्ठे किए जा सकते हैं आईसीएमआर के साथ मिलकर स्पाइस हेल्थ का इरादा 1 महीने के भीतर ऐसी 20 मोबाइल वैन तैयार करने का है। यानी 1 दिन में आरटी पीसीआर टेस्ट 60,000 तक किए जा सकते हैं। दिल्ली में अब तक रैपिड टेस्ट को भी जोड़ कर 30,000 टेस्ट ही हर रोज हो पा रहे हैं। 

27 हजार से बढ़ा कर 37 हजार की गई जांच-

राजधानी दिल्ली में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच बढ़ा दी गई है। पिछले दो दिनों से 21 हजार से अधिक सैंपल की आरटीपीसीआरजांच हो रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि दिल्ली में आरटीपीसीआरजांच के लिए सैंपल कलेक्शन बढ़ गया है। 19 अक्टूबर को आरटीपीसीआर जांच के लिए 30,735 सैंपल लिए गए, जबकि 15 नवंबर को 12,055 सैंपल ही लिए गए थे। दिल्ली आइसीएमआर ने दिल्ली में आरटीपीसीआर जांच की क्षमता 27 हजार से बढ़ाकर 37 हजार कर दी गई है। 

आरटीपीसीआरव एंटीजन जांच मिलाकर दिल्ली में प्रतिदिन एक लाख सैंपल जांच करने का फैसला किया गया है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि डीआरडीओ के अस्पताल के लिए 250 वेंटिलेटर उपलब्ध करा दिए गए हैं। जिन्हें आइसीयू में लगाया जा रहा है। इसके अलावा एम्स ने 207 जूनियर डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है। इससे डॉक्टरों की कमी दूर हो सकेगी।

दिल्ली समेत 4 राज्य दो दिन में बताएं कोरोना से निपटने के लिए क्या किया : सुप्रीम कोर्ट

देश के कुछ राज्यों में बढ़ते कोरोना के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सोमवार को शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और असम से दो दिन में हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा है कि कोरोना के मौजूदा हालात से निपटने के लिए उन्होंने क्या उपाय किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के मामले बढ़ने के बावजूद शादी और भीड़ वाले कार्यक्रम करने की इजाजत देने पर गुजरात सरकार को फटकार लगाई। 

कोर्ट ने कहा कि गुजरात में दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद सबसे खराब हालात हैं। जस्टिस शाह ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद गुजरात में शादी, समारोहों और अन्य कार्यक्रमों की छूट दी गई है। आप बताइए आखिर आपकी पॉलिसी क्या है, अब इस मामले में अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।

दिसंबर में और बिगड़ सकते हैं हालात-

सुप्रीम कोर्ट ने कहा सुना है नवंबर में कोरोना के केसों में भारी बढ़ोतरी हुई है। हम राज्यों से ताजा स्टेटस रिपोर्ट चाहते हैं। अगर तैयारी ठीक से नहीं की गई तो दिसंबर में हालात और बदतर हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के मरीजों का ठीक से इलाज नहीं होने और अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के शवों के साथ ठीक से व्यवहार नहीं किए जाने पर खद नोटिस लिया है।

केंद्र से जवाब तलब-

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में लॉबी और वेटिंग एरिया में शव पड़े थे। वार्ड में ज्यादातर बेड खाली थे, इसके बाद भी मरीज भटक रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र से भी जवाब मांगा है। 

हाईकोर्ट ने पूछा-लॉकडाउन ही क्या इसका एकमात्र समाधान?

राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों को देखते हुए तत्काल लॉकडाउन लगाने वाली जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने खरिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि दिल्ली में कोरोना की रोकथाम के लिए क्या लॉकडाउन ही एकमात्र समाधान है? कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन से जुड़े निर्देश नीतिगत फैसले के तहत आते हैं जो संबंधित संस्थाएं ही ले सकती हैं।

भारत को जनवरी के आखिर में मिलेगा कोरोना की वैक्सीन का पहला लॉट

देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर राहत की खबर आई है। जनवरी के अंत या फरवरी की शुरूआत में देश को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का पहला लॉट मिल सकता है। भारत में चार दवा कंपनियां अपने टीकों के क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे या तीसरे चरण में हैं। टीके की खेप मिलने व टीकाकरण शुरू करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर सकते हैं।

देश में कोरोना वैक्सीन की लगाने की शुरूआत फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे डॉक्टर, नर्स, नगरपालिका के कार्यकर्ताओं से की जाएगी। केंद्र सरकार सीरम इंस्टिट्यूट को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इमरजेंसी उपयोग को मंजूरी दे सकती है।

किसको कब मिलेगी वैक्सीन?

सबसे पहलेः हेल्थ वर्कर को
इसके बादः फ्रंट लाइन वर्कर, पुलिस पैलामिलिट्री फोर्स
फिर : 65 साल से ऊपर के उम्र के लोगों को
इसके बाद: 50 साल से अधिक के ग्रुपको

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