संक्रमण फैलने में नमी की अहम भूमिका

कोरोना के 749 मरीजों पर हुई अध्ययन, ठंडा मौसम ज्यादा खतरनाक



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, जून, 2020, नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस और तापमान के बीच एक और नया कनेक्शन ढूंढा है। उनका कहना है कि कोरोना सर्दियों की मौसमी बीमारी बन सकती है, जैसे-जैसे नमी कम होगी, इसके मामले बढ सकते हैं। आसपास नमी घटने पर वायरस के कण हल्के और बारीक हो जाते हैं, इसलिए संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह बात सिडनी यूनिवर्सिटी और शंघाई की फूडान यूनिवर्सिटी ऑफ पब्लिक हेल्थ की संयुक्त रिसर्च में सामने आई है। दक्षिणी गोलार्ध में तापमान और कोरोनावायरस पर हुई यह अपनी तरह की पहली रिसर्च है।


ऐसे हई रिसर्च-


वैज्ञानिकों के मुताबिक, पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध वाले हिस्से में जब नमी कम होना शुरू होती है तो सतर्क रहना जरूरी है। सिडनी में कोरोना के 749 मरीजों पर 26 फरवरी से 31 मार्च तक रिसर्च चली। अध्ययन में मरीजों के आसपास मौसम केंद्र से स्थिति समझी। इस दौरान बारिश, नमी और जनवरी से मार्च के तापमान के आंकड़े जुटाए गए।


मरीजों की संख्या, मौसम और संक्रमण के अन्य पैरामीटर्स के एनालिसिस से सामने आया कि वायरस का संक्रमण फैलने में नमी अहम रोल अदा करती है। ट्रांसबाउंड्री और इमर्जिंग डिसिसेज जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, चीन, यूरोप, उत्तरी अमेरिका में महामारी सर्दियों के दिनों में फैली। प्रोफेसर माइकल कहते हैं, सर्दियों से भी ज्यादा अहम है कम नमी वाला तापमान। यह मामले बढ़ाने का काम कर सकता है।


सर्दी में लक्षण दिखने पर तुरंत सतर्क हो जाओ -


सिडनी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल वार्ड के मुताबिक, कोरोना सर्दियों की मौसम बीमारी बन सकती है। अगर सर्दी का मौसम है इसके लक्षण दिखते हैं तो अलर्ट होने की जरूरत है। शोधकर्ताओं का दावा है कि हॉन्ग-कॉन्ग में कोविड-19 और सउदी अरब में मेर्स के मामलों का जलवायु से कनेक्शन ढूंढा गया है।


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