लीवर ट्रांसप्लांट चूहे में किया - इंसानी कोशिका से विकसित 

भविष्य में जिसे ऑर्गन चाहिए उसी के डीएनए से बनेंगे लिवर - वैज्ञानिक बोले



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, जून, 2020, नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने पहली बार इंसान की कोशिका से लैब में लिवर विकसित करके उसे सफलतापूर्वक चूहे में ट्रांसप्लांट किया है। लिवर तैयार करने वाली पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रक्रिया भविष्य में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की राह आसान करेगी। लीवर ट्रांसप्लांट चूहे में किया गया, इंसानी कोशिका से विकसित, शोधकर्ताओं का कहना है, यह मिनी लिवर दूसरे सामान्य लिवर की तरह काम करता है। यह भी बाइल एसिड और यूरिया रिलीज करता है।


ऐसे लैब में तैयार हआ 'मिनी लिवर'-


शोधकर्ताओं का कहना है कि मिनी लिवर को इंसान के डीएनए से विकसित किया गया है। इस तरह लैब में तैयार होने वाले इंसानी अंग उन डोनर का विकल्प बनेंगे जो अंगदान करते हैं। जरूरतमंद मरीजों में समय से अंग ट्रांसप्लांट किए जा सकेंगे।


लिवर रिजेक्शन का खतरा घटेगा-


शोधकर्ताओं का कहना है यह प्रयोग सफल रहा है। आने वाले समय में जिस मरीज को अंग की जरूरत है उसी के डीएनए से नया लिवर विकसित किया जा सकेगा। ट्रांसप्लांट के बाद मरीज में अंग फेल होने का खतरा भी न के बराबर रहेगा। शरीर नए अंग को अपना सकेगा और रिस्क घटेगा। 


5 चूहों में हुआ ट्रांसप्लांट-


शोधकर्ताओं के मुताबिक, लैब में तैयार हुए लिवर 5 चूहों में लगाए गए हैं। डर था कि इनका शरीर लिवर को अपनाने से रिजेक्ट न कर दे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ट्रांसप्लांट के 5 दिन बाद जब जांच की गई तो पाया गया कि मिनी लिवर चूहे में बेहतर काम कर शोधकर्ता एलेजेंड्रो सोटोगुट्रिएज के मुताबिक, जानवर के अंदर मिनी लिवर को देखना काफी अलग था। यह बिल्कुल सामान्य लिवर जैसा था। अब रिसर्च टीम ऐसे लिवर की ग्रोथ की दर बढ़ाने में भी समर्थ है। पहले इसे तैयार करने में दो साल लग जाते हैं अब अब एक माह में ऐसा किया जा सकता है।


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