कोरोना को हराने के 3 योगः प्राणायाम, जलनेति कीजिए; मुस्कुराते रहिए

योग दिवस पर विशेष-


कोरोना के दौर में इम्यूनिटी और फेफड़े की मजबूती सबसे जरूरी है, हमने बिहार योग विश्वविद्यालय के परमहंस निरंजनानंद सरस्वती से रोग से लड़ने में उपयोगी सरल योगों के बारे में जाना।


इम्युनिटी, फेफड़ों और श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने में प्राणायाम कारगर, ये तीन सरल प्राणायाम-



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, जून, 2020, नई दिल्ली। कोरोना वायरस सीधे फेफड़ों पर असर करता है। इससे शरीर में प्राण वायु की कमी हो जाती है। इस कमी को पूरा करने के लिए योग में कुछ आसान उपाय बताए गए हैं। प्राणायाम, जलनेति का नियमित अभ्यास शरीर में प्राण वायु का संचार करता है। इससे श्वसन तंत्र मजबूत होता है और शरीर का आंतरिक ढांचा मजबूत बनता है।


रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को भी मजबूत होती है। इम्युनिटी जितनी मजबूत होगी, बीमारी की आशंका उतनी ही कम होगी। इम्युनिटी बढ़ाने के हमारे रोजमर्रा की कुछ छोटी-छोटी आदतें भी बहुत उपयोगी हो सकती है। मसलन हंसी भी हमारे इम्यून सिस्टम को मजबत बनाती है। इसलिए मस्कान को हमेशा चेहरे पर बनाए रखे। इसके अलावा हल्दी वाला दूध पिए, तुलसी के पत्तों को कम से कम 7 बार 1 दिन में जरूर खाएं। गिलोय का काढ़ा पिएं। इससे भी झम्युनिटी बढ़ती है।


भस्त्रिका प्राणायाम-


कैसे करें: श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए भस्त्रिका प्राणायाम सबसे कारगर है। इस योग को करने के लिए गर्दन और रीढ़ को एकदम सीधा रखकर पद्मासन में बैठा जाता है। दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। इसमें तेजी से सांस खींची जाती है और उत्तनी तेजी से सांस छोड़ी जाती है। रोजाना महज दो से 5 मिनट करना ही काफी लाभदायक है। ये क्यों जरूरी-इससे शरीर में शुद्ध वायु शरीर के अंदर जाती है और अशुद्ध वायु बाहर निकल जाती है। फेफड़े मजबूत बनते हैं। पेट के रोगों में भी लाभ मिलता है। उच्च रकाचाप, कमर दर्द और हृदय रोगी इसे न करें।


कपालभाति-


कैसे करें: कपालभाति प्राणायाम करने के लिए श्वास सामान्य गति से शरीर के अंदर की ओर लेनी होती है, और तेज गति से बाहर निकालनी होती है। एक मिनट में 60 बार और कुल 5 मिनट में तीन सी बार आप सांस बाहर फेंकने की क्रिया करें कपालभाति के लिए सुबह का समय बेहतर है।


ये क्यों जरूरी- जब आप सांस को अंदर और बाहर करते हैं तो शरीर के भीतर की ग्रंथियों की एक्सरसाइज होती है। इससे पचन अंग जैसे अमाशय, लिवर, किडनी, पैनक्रियाज स्वस्थ बनते हैं। मोटापा, डायबिटीज, कब्ज आदि में यह उपयोगी होता है। इम्युनिटी बढ़ाता है।


अनुलोम-विलोम-


कैसे करें: अनुलोम यानी सीधा और विलोम यानी उल्टा। इसमें नाक के दाएं छेद से गहरी सांस अंदर भरते हैं। फिर बाई नाक से सांस बाहर निकालते हैं। नाक के बाएं छेद से सांस लेते हैं. दाहिने से निकालते हैं। ये क्यों जरूरी-अनुलोम-विलोम प्राणायाम से से घंटे की अच्छी नींद आएगी। अच्छी नींद से रक्तचाप की शिकायत दूर होगी। तनाव, अवसाद भी दूर होगा। यह शरीर में ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में सहायक होता है। शरीर के अंदरूनी रिपेयरिंग के लिए अच्छी नींद जरूरी है। रोज 20 से 25 मिनट योगनिद्रा के अभ्यास से भी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।


वायरस को शरीर में जाने नहीं देगा जलनेति, श्वसन तंत्र साफ होता है-


विशेषज्ञ की मौजूदगी में इसे करना चाहिए :- कैसे करें: जलनेति करने के लिए नमकयुक्त गुनगुना पानी नाक के एक छिद्र से पानी डाला जाता है और नाक के दूसरे मार्ग से पानी को बाहर निकाला जाता है। रकिया नाक कान और गले के माग की सफाई करने में उपयोगी है। ये क्यों जरूरी-अगर शरीर में वायरस का प्रवेश भी हुआ है तो वह नष्ट हो जाता है। शुरुआती फेज में वायरस इसी मार्ग में रहता है। इससे फेफड़े को भी ताकत मिलती है, क्योंकि सफाई से श्वसन प्रक्रिया ठीक हो जाती है। यह पांच से सात मिनट के लिए करना चाहिए। इससे साइनस, अस्थमा और श्वसन तंत्र से संबंधित दूसरे रोगों में भी लाभ मिलता है। 


 


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