खतरनाक हो रहा देश में कोरोना 

केंद्र सरकार ने भी माना


आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, जून, 2020, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक ओर जहां माना है कि देश में कोविड 19 से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और ऐसे में देश में बड़ी संख्या में अस्थायी अस्पताल स्थापित करना आवश्यक होगा, वहीं दूसरी ओर उसने यह भी कहा है कि कोरोना महामारी के इलाज में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमण से बचने की जिम्मेदारी उनकी खुद की है। 


उदयपुर की चिकित्सक आरुषि जैन की याचिका पर केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को दिए गए जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि अब देश में तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में निकट भविष्य में मौजूदा अस्पतालों के अलावा कोरोना मरीजों के लिए अस्थाई (मेक-शिफ्ट) अस्पतालों का निर्माण करना होगा, ताकि उनकी देखभाल की जा सके।



केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि संकट की इस घड़ी में मरीजों की देखभाल में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमण से बचाव की जिम्मेदारी उनकी खुद की है।


खतरनाक हो रहा देश में कोरोना -


केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अवर सचिव पी के बंदोपाध्याय की ओर से यह हलफनामा दायर किया गया है, जिसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य का सरकारें कोरोना वारियर्स के लिए हरसंभव कदम उठा रही हैं। हलफनामा में यह भी कहा गया है कि यद्यपि अस्पताल संक्रमण नियंत्रण समिति, संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण गतिविधियों के अनुपालन के लिए जिम्मेदार है, लेकिन अंतिम जिम्मेदारी स्वास्थ्यकर्मियों की ही है।


यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे खुद को प्रशिक्षित रखें और संक्रमण की रोकथाम के सभी उपाय करें। याचिकाकर्ता ने कोविड 19 के इलाज से सीधे तौर पर जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों को लेकर केंद्र के नये मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर सवाल खडे किए हैं, जिसके तहत सरकार ने इन स्वास्थ्यकर्मियों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किये जाने की बाध्यता को समाप्त कर दिया है।


गौरतलब है कि न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने गत 29 मई को याचिकाकर्ता की ओर से दायर हलफनामा को रिकॉर्ड पर लेकर केंद्र की ओर से पेश सॉलिससिटर जनरल तुषार मेहता को इस पर जवाबी हलफनामा के लिए एक सप्ताह का समय दिया था।


याचिकाकर्ता ने पहले तो अपनी याचिका में अग्रणी भूमिका वाले स्वास्थ्यकर्मियों को अस्पताल के निकट ही रहने की व्यवस्था करने के निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया था, लेकिन बाद में क्वारंटाइन की अनिवार्यता समाप्त करने के एसओपी का भी विरोध किया।


कोरोना के देश में 1,06,737 सक्रिय मामले, रिकवरी दर 47.99 प्रतिशत देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के कुल 3,804 मरीज ठीक हो गए हैं और अब तक 1,04,107 मरीज कोरोना से ठीक हो चुके हैं। इस समय कोरोना के 1,06,737 सक्रिय मामले हैं और मरीजों के ठीक होने की दर 47.99 प्रतिशत है।


भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) कोरोना मरीजों की जांच में लगातार अपनी क्षमता में इजाफा कर रहा है और अब देश में कोरोना मरीजों की जांच के लिए 498 सरकारी तथा निजी क्षेत्र की 212 प्रयोगशालाएं हैं। देश में अब तक कोरोना के कुल 42,42,718 नमूनों की जांच की जा चुकी है और पिछले 24 घंटों में 1,39,485 नमूनों की जांच हुई है।


स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में इस समय(03 जून के आंकड़ों के अनुसार) 952 कोविड समर्पित अस्पताल हैं जिनमें 1.66.332 आइसोलेशन बिस्तर, 21,393, आईसीयू बिस्तर, 72,762 ऑक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तर हैं। इसके अलावा 2391 डेडिकेटिड कोविड हेल्थ सेंटर हैं जिनमें 1,34,945 आइसोलेशन परिश जांच साएमआर) बान 


बिस्तर, 11,027 आईसीयू बिस्तर और 46,875 ऑक्सीजन सुविधा युक्त बिस्तर हैं। केन्द्र सरकार ने विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 125.28 लाख एन-95 मॉस्क और 101.54 पीपीई किट्स उपलब्ध करा दी हैं। वहीं विज्ञान एवं अभियांत्रिकी अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) ने हरियाणा के हिसार, स्थित आईसीएआर-एनआरसी के नेशनल सेंटर फॉर वेटरनरी टाइप कल्चर (एनसीवीटीसी) के एक अध्ययन के लिए समर्थन को मंजूरी दे दी है, जो कोरोना वायरस के खिलाफ दवा के लिए अपनी लाइब्रेरी के 94 छोटे अणुओं की स्क्रीनिंग करेगा।।


इन अणुओं को कोशिकीय काइनेस, फॉस्फेट, और हिस्टोन मिथाइल ट्रांसफरेज, हिस्टोन डेसेटाइलेज और डीएनए मिथाइल टांसफेजजैसे एपिजेनेटिक रेगुलेटर को रोकने के लिए जाना जाता है। इन अवरोधकों के लक्ष्यों को कैंसर के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है, हालांकि, वायरस जीवन चक्र में उनकी भूमिका ज्ञात नहीं है।


सीएसआईआर-सीएमईआरआई ने विकसित किया नया वेंटिलेटर -


नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर स्थित केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीएमईआरआई) के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच स्वदेशी तकनीक पर आधारित एक नया वेंटिलेटर विकसित किया है।


इस वेंटिलेटर का अनावरण सीएसआईआरसीएमईआरआई के निदेशक प्रोफेसर (डॉ) हरीश हिरानी और हेल्थ वर्लड हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, दुर्गापुर के प्रबंध निदेशक डॉ अरुणांग्शु गांगुली ने किया है। डॉ गांगुली ने बताया कि सीएसआईआरसीएमईआरआई के शोधकर्ताओं ने हेल्थ वर्लंड हॉस्पिटल के विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस वेंटिलेटर से जुड़ा शोध एवं विकास कार्य किया है।


सीएसआईआर-सीएमईआरआई हेल्थकेयर पेशेवरों के साथ मिलकर देश की वेंटिलेटर विकसित करने की क्षमता में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह पहल देश के चिकित्सा देखभाल उपकरणों के निर्माण क्षेत्र को मजबूत करने में मददगार हो सकती है, जिससे इन उपकरणों के आयात पर होने वाले खर्च को बचाया जा सकता है।


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