गंजे पुरुषों में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा

122 पुरुष कोरोना मरीजों में 79 फीसदी गंजे - स्पेन में दो शोध



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, जून, 2020, नई दिल्ली। गंजे पुरुषों में कोरोना के गंभीर संक्रमण का खतरा ज्यादा है। यह दावा अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ने किया है। शोधकर्ता कार्लोस वैम्बियर का कहना है कि गंजापन संक्रमण और गंभीर होने रिस्क फैक्टर है। गंजेपन का कोरोना मरीजों से कनेक्शन समझने के लिए दो अध्ययन की गईं। दोनों में ही नतीजे एक जैसे निकले। इससे पहले सामने आईं शोध रिपोर्ट में यह बताया गया था महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को कोरोना संक्रमण का खतरा है और मौत का भी।


दोनों ही शोध में दावों की पुष्टि हुई-


शोधकर्ता के मुताबिक, 41 कोरोना के मरीजों पर हुई पहली शोध में सामने आया कि इनमें 71 फीसदी मरीज गंजे थे। यह शोध स्पेन के हॉस्पिटल में किया गया था। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, 122 पुरुषों पर हुए दूसरे शोध में 79 फीसदी कोरोना मरीज गंजे थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि गंजे पुरुषों में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा, मेल सेक्स हार्मोन एंड्रोजन गंजेपन और कोरोना संक्रमण करने की क्षमता को बढ़ा सकता है। इसका मतलब है कि यह हार्मोन दवा के असर को दबाता है या कम करता है। इसलिए कोरोना के मरीजों की ठीक होने की दर धीमी हो जाती है। उन्हें रिकवर होने में समय लगता है।


पुरुषों में महिलाओं से अधिक कोरोना के मामले-


इससे पहले कई शोधकर्ताओं ने शोध में साबित किया है महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक क्यों है। धूम्रपान : यह फेफड़ों को खराब कर खतरा बढ़ाता है न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित शोध के मुताबिक, चीन में कोरोना के कारण मरने वालों में 26 फीसदी धूम्रपान करने वाले थे।


शोधकर्ताओं के मुताबिक, धूम्रपान करने में महिलाओं के मुकाबले पुरुष आगे हैं। दुनियाभर के एक तिहाई धूम्रपान करने वाले लोग सिर्फ चीन में हैं, जबकि यहां सिर्फ दो फीसदी महिलाएं। ही स्मोकिंग करती हैं। ब्रिटेन में 16.5 फीसदी पुरुष और 13 फीसदी महिलाएं स्मोकर हैं।


शोध के मुताबिक, सिगरेट पीने के दौरान, बार-बार हाथ मुंह के पास पहुंचता है, इसलिए खतरा और भी ज्यादा आरएमएल हॉस्पिटल, दिल्ली के विशेषज्ञ डॉ. एके वार्ष्णेय के मुताबिक, कोरोना संक्रमण सिगरेट के धुएं से नहीं फैलता है, लेकिन धुआं फेफड़ों को खराब करता है। अगर कोई ज्यादा सिगरेट पीता है तो उसके फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और ऐसे लोगों को वायरस के संक्रमण का खतरा भी ज्यादा होता है। जो इंसान किसी भी तरह का धूम्रपान करते हैं, उनमे संक्रमण जल्दी फैलने का खतरा है।


कमजोर इम्यून सिस्टम :-


अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी के मुताबिक, कोरोना से लड़ने ने महिलाओं की इम्युनिटी बेहतर है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, महिलाओं में रिलीज होने वाले सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन शरीर की कोशिकाओं वायरस से लड़ने के लिए एक्टिवेट करते हैं। जबकि पुरुषों में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन का असर उल्टा होता है। एक्स क्रोमोसोम्स में इम्यून जीन्स मौजूद होते हैं जिन्हें आरएनए वायरस ढूंढ लेते हैं।


लाइफस्टाइल डिसीज :-


एन्नल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, पुरुषों में लाइफस्टाइल डिसीज जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के मामले महिलाओं से ज्यादा होते हैं। ये बीमारियां कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ाती हैं। शोध के मुताबिक, 2003 में सार्स के संक्रमण के दौरान हॉन्ग कॉन्ग में सबसे ज्यादा महिलाएं संक्रमित हुई थीं लेकिन फिर भी पुरुषों की मौत का आंकड़ा 50 फीसदी तक अधिक था।


हाइजीन :-


महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर के विशेषज्ञों ने साफ-सफाई बरतने के साथ बार-बार हाथ धोते रहने की सलाह दी थी। विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं के मुकाबले बार-बार हाथ धोने में पुरुष लापरवाह नजर आते हैं। इसीलिए संक्रमण के मामले अधिक सामने आने की एक वजह ये भी है। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक यूनिहिरो मैत्सुहिता के मुताबिक- सफाई बरतने के मामले में, खासकर हाथों को धोने में पुरुष महिलाओं से पीछे हैं।


 


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