बसों में मुफ्त सफर की शरुआत महिलाओं के लिए 

30 प्रतिशत महिलाएं करती है सफर बसों में रोजाना 


महिलाएं आगे बढ़ेंगी तभी देश आगे बढ़ेगा : अरविंद केजरीवाल


आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदातानई दिल्ली, नवम्बर। 10 लाख गलाबी पास जारी - मुफ्त के सफर में डीटीसी को घाटा नहीं हो इसके लिए दिल्ली सरकार 10 रुपए का भुगतान करेगी। इस योजना के तहत 10 लाख गुलाबी पास जारी किए गए हैं।



डीटीसी के बेड़े में लगभग 3800 बसें हैं, जबकि कलस्टर सेवा के तहत 1600 से अधिक बसें प्रचलन में हैं । डीटीसी में रोजाना औसतन 31 लाख और कलस्टर बसों में 12 लाख यात्री यात्रा करते हैं जिनमें से करीब एक तिहाई महिलाएं हैं।


बुजुर्ग और छात्रों को भी जल्द मिलेगा तोहफा - दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की डीटीसी और क्लस्टरबसों में महिलाओं की तरह बुजुर्गों और छात्रों को भी मुफ्त यात्रा करने की सुविधा देने के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि इस प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। इसमें कई अड़चने आ रही हैं। जिन्हें जल्द दूर कर लिया जाएगा।


भाई-दूज के मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं को बेहतरीन तोहफा दिया है। दिल्ली की सभी डीटीसी और क्लस्टर की बसों में अब महिलाओं को मुफ्त सफर की सुविधा मिलने लगी है।


दिल्ली सरकार ने इसके लिए सोमवार रात को नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, महिलाओं को बस में यात्रा करने के लिए सिंगल जर्नी फी ट्रेवल पास जारी किया जा रहा है।


इसके बावजूद अगर कोई महिला टिकट लेकर यात्रा करना चाहती है तो वे पैसे देकर टिकट भी खरीद सकती है। वहीं, महिलाओं के लिए फ्री यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री मंगलवार को एक बधाई संदेश जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा कि आज भाईदूज है।


दिल्ली की सभी बहनों को इस भाई की तरफ से भाईदूज की बधाई। हमारी दिल्ली की सभी बहनों के लिए बड़ी खुशखबरी है। आज से दिल्ली की सभी बसों डीटीसी, कलस्टर में आपकी की यात्रा आज से फ्री है।


आपका कोई टिकट नहीं लगेगा। इससे आपलोगों को बहुत मदद मिलेगा। अपने संदेश में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि हम देखते हैं कि हमारे देश में महिलाओं को बराबरी के अवसर नहीं मिलते।


हमारे देश की महिलाएं किसी से कम नहीं है। जब भी उन्हें बराबर का अवसर मिला, उन्होंने कमाल कर दिखाया। वह चाहें खेल की दुनिया हो, पढ़ाई की दुनिया हो, अंतरिक्ष की दुनिया हो, चाहे वह बिजनेस की दुनिया हो। जब भी महिलाओं को बराबर के अवसर मिले हैं, उन्होंने कमाल कर दिखाया है। लेकिन हमारे समाज की जो संरचना है, महिलाओं को बराबरी के अवसर नहीं मिलते।


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