नीम के पत्तों का काढ़ा डेंगू बुखार हो तो पीएं

यदि आप किसी भी वजह से डेंगू, मलेरियां बुखार की चपेट में आ जाते है ...........  



नई दिल्ली, अक्टूबर, सौरभ कुमार। किसी भी वजह से डेंगू, मलेरियां बुखार हो तो पीएं नीम के पत्ते का काढ़ा मिलेगी राहत। बारिश के दिनों में मच्छर के काटने से डेंगू वायरस फैलता है। इसकी जानकारी ब्लड टेस्ट से होती है और इसको रोकने के लिए नीम के पत्ते का काढ़ा पीना काफी फाइयदेमंद हैं।


बुखार के दौरान प्लेटलेट्स कम होना इसका मुख्य लक्षण हैं। बुखार के साथ सबसे सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द और त्वचा पर रैशेज भी शामिल है। इसका कोई जल्दी ईलाज तो नहीं मिल पाता लेकिन आप कुछ सावधनियों को अवश्य ही बरतें।


उस समय आपको आराम और बहुत सारे पेय पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है। आप इसका प्राकृतिक ईलाज जैसे नीम के पत्ते का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।


आयुर्वेद की माने तो नीम का प्रयोग सदियों से कई रोगों के इलाज में किया जाता है। हालांकि नीम के पत्ते इम्युनिटी बढ़ाते हैं। लेकिन नीम के लगभग हर हिस्से में कई औषधीय लाभ हैं। नीम के पत्तों में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाये जाते हैं।


नीम के पत्तों और उसके अर्क को पीने से ब्लड प्लेटलेट और सफेद रक्त कोशिकाओं दोनों की संख्या में वृद्धि होती है। जो खून बाढ़ाने में भी मदद करता है। बचाव इलाज से बेहतर होता है। इसलिए डेंगू को रोकने के लिए मच्छरों से बचाव करना सबसे अच्छा उपाय है।


मच्छरों से राहत पाने के लिए सूखे नीम के पत्तों को जलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। नीम के पत्तों का रस पपीते के पत्तों के रस के साथ मिलाकर पीना डेंगू के इलाज के लिए बेहतर उपाय है। नीम की तरह पपीते की ताजी और छोटी पत्तियां शरीर से डेंगू के विषैले जहर को निकालने में मदद करती है।


 


 


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