दिल्ली में सांस लेना मुश्किल आबोहवा हुई बदतर

कई इलाकों में गंभीर श्रेणी में पहुंची वायु गुणवत्ता, आनंद बिहार रहा सबसे ज्यादा प्रदूषण - एक्यूआई का स्तर पहुंचा 430 - पीएम 2.5 का स्तर 740 पर पहुंचा



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदातानई दिल्लीअक्तूबर। दिवाली के बाद से खराब हुई दिल्ली की आबोहवा दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। राजधानी दिल्ली में मंगलवार को आसमान में धुआं छाया रहा और सूर्य देर से निकला। दिल्ली के कई इलाकों में तो हवा की गुणवत्ता बिगड़ गई और खतरनाक स्तर पर पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार 12.30 बजे दिन में वायु की गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 390 था, जो सोमवार रात आठ बजे के सर्वाधिक 397 एक्यूआई से कम सफर के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय में पीएम 2.5 का स्तर 740 तक पहुंच गया जो 60 तक अच्छा समझे जाने वाले स्तर से कई गुणा था।



शहर के अन्य क्षेत्रों की स्थिति भी कोई अच्छी नहीं रही। आंनद विहार 436 एक्यूआई के साथ राजधानी का सबसे प्रदूषित जगह थी और नेहरू नगर 430 के साथ शहर में दूसरे स्थान पर था। दिवाली की रात के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता पटाखों फोडने, पराली जलाने और प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियों के चलते काफी नीचे गिर गई थी।


तब से प्रदूषण स्तर बहुत खराब श्रेणी के प्रारंभिक और आखिरी बिंदु के बीच है। गौरतलब है कि दिवाली की रात को बहुत सारे लोगों ने महज दो घंटे ही पटाखे फोड़ कर उच्चतम न्यायालय के आदेश का खुलेआम उल्लंघन किया था। उच्चतम न्यायालय ने यह भी आदेश दिया था कि 30 फीसद कम प्रदूषण फैलाने वाले हरित पटाखे ही बनाये जाएं और फोड़े जाएं लेकिन डीपीसीसी का कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों ने अवैध पटाखे फोड़े।


उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार ने लोगों को पटाखे फोडने से दूर रखने के लिए राजी करने की कोशिश के तहत मेगा लेजर शो का आयोजन किया था। हवा की गति बढने से प्रदूषकों को छितराने में मदद मिलेगी और प्रदूषण स्तर के नीचे आने की संभावना है। वहीं, मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने अगले दो दिनों में हवा की गति में वृद्धि की संभवना से इनकार किया है। तब तक स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी।


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