धनतेरस - धन्वंतरि पूजन धन की देवी के साथ करे 

भारतीय संस्कृति में दीपावली का त्यौहार सबसे प्रमुख त्यौहार माना जाता है।


Dhanteras poojan


आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदातानई दिल्लीअक्तूबर। दीपोत्सव यानी रोशनी का त्योहार प्रकाश पर्व दीपावली के 2 दिन पूर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाने की प्राचीन परंपरा है। इस दिन से पाँच दिवसीय दीपावली पर्व की सुरुआत होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के अंतिम दिन भगवान विष्णु कलश में अमृत लेकर धन्वंतरि के अवतार में प्रकट हुये थे।


समुद्र से माता लक्ष्मी की प्रकट हुई थी-


दीपोत्सव के दौरान सबसे पहले धनवंतरी की पूजा विधान में यह भी एक कारण माना जाता है। शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान धनवंतरी की पूजा से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती है। किदवंती है कि देवताओ और दानवों के बीच हुए समझौते के बाद जब समुद्र मंथन किया गया तब समुद्र से 14 रत्न निकले थे, जिनमे एक अमृत कलश भी था। भगवान विष्णु देवताओं को अमर करने के लिए धनवंतरि के अवतार में प्रकट होकर अमृत कलश के साथ समुद्र से अवतरित हुवे थे । इस दिन धनवंतरी की पूजा करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न हो कर धन शक्ति वर्षा करती हैं। इसलिए भगवान धन्वंतरी के प्रकटोत्सव को धनतेरस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई । इस दिन से गोत्रीरात व्रत भी आरंभ होता है,जो आगामी तीन दिन गोवर्धन पूजा के दिन समाप्त होता है। कई पंडितो का मानना है कि भगवान धनवंतरी भगवान विष्णु के अवतार है इनकी पूजा से गृहस्थ जीवन जीने वालो के अलावा व्यापारी वर्ग को भी लाभ होता है। पजा-अर्चना के बारे में वह कहते है, त्रयोदशी की सुबह स्नान के बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र की स्थापना करके, मंत्रोच्चारण करना चाहिए और आचमन के लिए जल चढ़ाना चाहिए। धनवंतरी की पूजा भगवान विष्णु की पूजा है, इसलिए लक्ष्मी जी प्रसन्न होकर दीपावली में धन वर्षा करती है। 


व्यापारियों के लिए विशेष महत्व-


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस को माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। विशेष तौर पर व्यापारी वर्ग के लिए धनतेरस का दिन बड़ा महत्व रखता है। व्यापारी अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान में धन्वंतरि एवं मां लष्मी की पूजा अर्चना करते है। व्यापारिक दृष्टिकोण से मां लष्मी के साथ धन्वंतरि जी की पूजा करना व्यवसाय के लिए शुभ और लाभदायक माना जाता है।


धनतेरस पर खरीददारी का विशेष महत्व-


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के पावन दिन खरीदारी करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन सामान्य नागरिक से लेकर हाई प्रोफाइल शख्सियत भी अपनी अपनी हैसियत के अनुसार खरीददारी करते है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदी वस्तुएं 13 गुना फायदा करती है। वाहन खरीदने वाले पहले वाहन की बुकिंग करवा देते है परंतु वाहन धनतेरस को घर लाना शुभ मानते है। कुछ लोग सोना, चांदी, के आभूषण तो कुछ तांबे व स्टील के बर्तन खरीदते है। अपनी घरेलू आवश्यकता अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स समान फ्रीज,ए सी, एल ई डी, अन्य सामान भी इस दिन खरीदते है। यह सब खरीदना शुभ व लाभदायक माना जाता है। आवश्यक नही होने पर भी हर इंसान परंपरा व शुभ की दृष्टि से हर इंसान इस दिन कुछ न कुछ खरीददारी करना पसंद करता है।


ऑनलाइन शॉपिंग के लुभावने ऑफर-


आधुनिकता के दौर में ऑनलाइन शॉपिंग आज की युवा पीढ़ी ओर महिलाओ की की पहली पसंद बन गयी है। आज कल ऑनलाइन शॉपिंग धनतेरस और दीपावली पर अपनी ओर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए धनतेरस दीपावली ऑफर के नाम से 30 से 80% डिस्काउंट का लुभावने छूट दे रही है इसके फलस्वरूप काफी खरीदारी ऑनलाइन हो रही है आज के युवा ऑनलाइन शॉपिंग अधिक लाभदायक उचित मानते हैं ऑनलाइन शॉपिंग आज की युवा पीढी हो या नारी शक्ति सभी की पसंद ऑनलाइन शॉपिंग बनती जा रही है इस ऑनलाइन शॉपिंग से व्यापारी वर्ग को काफी आर्थिक मार्केटिंग नुकसान देखने को भी मिल रहा है।


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