यमुना खतरे के पार

दिल्ली में बाढ़ का खतरा, अगले 48 घंटे चिंताजनक, 205.6 मीटर तक पहुंचा यमुना का जल स्तर, 208 मीटर तक पहुंच सकता है यमुना का जल स्तर



नई दिल्ली, अगस्त, राम कुमार। हरियाणा के हथिनीकुंड बैंस से 40 वर्षों के बाद यमुना में सबसे अधिक पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली और हरियाणा में नदी तट के आस-पास के इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है तथा अगले 48 घंटे चिंताजनक रहेंगे। इस बीच हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत पूरे उत्तर भारत में हुई भारी बारिश और बादल फटने के कारण 32 लोगों की मौत के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या 300 के पार पहुंच गई है जबकि 47 अन्य लापता हैं।


हथनी बैराज कुंड से रविवार को-6:28क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। आज भी पानी छोड़ने का सिलसिला जारी रहा और 2 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया। दो दिन में 10 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी हथनी बैराज कुंड से - छोड़ा जा चुका है। इससे पहले सबसे ज्यादा पानी 2013 में वर्ष 2013 में 8.06 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया था।


जिससे जल स्तर 207.32 मीटर तक पहुंच गया. ऐसे में इस बार दिल्ली में यमुना 208 मीटर तक के स्तर तक पहुंच सकता है। जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है। दिल्ली में यमुना नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। आज शाम को ये खतरे के निशान को पार कर गया। देर शाम के समय यमुना में पानी का स्तर 205.60 तक पहुंच गया था। जिसमें लगातार बढ़ोत्तरी हो रही थी। यमुना के खतरे के निशान को पार करने के साथ ही सरकार ने एतिहाती 4 उपाए तेज कर दिए हैं। यमुना पर बने पुराने पुल को बंद कर दिया गया है। पुल के ऊपर सरल पारवहन मारा।


23860 लोगों को निकाल गया  -


प्रशासन ने निचले इलाके में रहने वाले लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनके रहने के लिए बड़ी संख्या में तंबू का प्रबंध किया है। कुल 23860 लोगों को निकालना है। इनके लिए 2120 तंबुओं का प्रबंध किया गया है 


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