पाक छोडे आतंकवाद बातचीत के लिए 

किसी भी अंतरराष्ट्रीय संस्था ने नहीं कहा कि भारत मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।


हमारा संविधान एक खुली किताब है, लोकतंत्र के बारे में हमारा अनुभव कई देशों से ज्यादा है।


हमें पता है कि लोकतंत्र और मानवाधिकारों की सुरक्षा कैसे करनी है : अकबरुद्दीन



नई दिल्ली, अगस्त, राम कुमार। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की जम्मू-कश्मीर पर बुलाई गई बैठक के तुरंत बाद भारत ने पूरी दुनिया के सामने अपना रुख एक बार फिर साफ कर दिया है। कि जम्मूकश्मीर भारत का आतंरिक मामला है और बाहरी देशों को इसमें किसी भी प्रकार का मतलब नहीं रखना चाहिए। यह मामला भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाया जाएगा। लेकिन भारत पाकिस्तान से तभी बात करेगा जब पाकिस्तान भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की अपनी नीति छोड़ दे।


चीन को आइना दिखाते हुए यूएन में भारत के प्रतिनिधि अकबरुद्दीन ने कहा कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय संस्था ने नहीं कहा कि भारत मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। हमारा संविधान एक खुली किताब है, लोकतंत्र के बारे में हमारा अनुभव कई देशों से ज्यादा है। हमें पता है कि लोकतंत्र और मानवाधिकारों की सुरक्षा कैसे करनी है। कश्मीर मामले में विश्व समुदाय का समर्थन नहीं मिल पाने के बाद पाकिस्तान इस बात से जरूर उत्साहित है कि इस मुद्दे पर यूएनएससी में चर्चा तो हुई। 


पाकिस्तान को सिर्फ चीन का साथ मिला, जिसने दोनों देशों को एकतरफा कार्रवाई से बचने की अपील की। इमरान ने अमेरिका का समर्थन हासिल करने के लिए आज अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड टप से फोन पर बातचीत की लेकिन इसका कोई फायदा पाकिस्तान को नहीं मिला। भारत इसे बहुत तवज्जो नहीं दे रहा था। क्योंकि हाल ही के सालों में इस तरह की अनौपचारिक चर्चा का चलन बढ़ गया है जिनमें सुरक्षा परिषद के सदस्य बंद कमरे में बातचीत करते हैं। लेकिन न तो इन बातचीत का कोई रिकॉर्ड रखा जाता है और न ही कोई जानकारी ही बाहर आती है।


हांगकांग में दमन लेकिन कश्मीर पर चिंतित चीन -


हांगकांग में हजारों लोगों पर दमनकारी कार्रवाई करने को लेकर दुनिया भर के देशों से आलोचना झेल रहे चीन ने कश्मीर में मानवाधिकारों को लेकर चिंता जाहिर की। चीन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एकतरफा कार्रवाई नहीं होने चाहिए।


भारत ने पाकिस्तान पर साधा निशाना -


यूएन में पत्रकारवार्ता में अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि एक देश जेहाद का इस्तेमाल कर रहा है और हिंसा भड़काई जा रही है। हिंसा किसी किसी मुद्दे का समाधान नहीं है। भारत पाकिस्तान या दुनिया के किसी भी मुद्दे का हल बातचीत ही है। भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 में समझौता हुआ और हम उस पर कायम हैं।


हम उम्मीद करते हैं पाकिस्तान भी इस पर कायम रहेगा। भारत और पाकिस्तान के बीच कब बातचीत होगी? और ये बातचीत तभी होगी जब पाकिस्तान आतंकवाद को रोके। भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन धीरेधीरे प्रतिबंध को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है। क्योंकि यह परिवर्तन भारत में किया गया है इसलिए इसका बाहरी तौर पर कोई असर नहीं है।


 


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