माफ होगा लोन, बड़ा तोहफा छोटे कर्जदारों को नरेंद्र मोदी सरकार का 

विभिन्न राज्यों में किसानों के बाद अब मुश्किलों से जूझ रहे
छोटे कर्जदारों के कर्ज भी माफ हो सकते हैं।



नई दिल्ली, अगस्त, विश्वास कुमार। दरअसल, सरकार ने दिवालिया कानून के अंतर्गत %छोटे परेशान कर्जदारों को राहत देने की योजना बनाई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रस्तावित छूट दिवालिया और धन शोधन संहिता (आईबीसी) के अंतर्गत नई शुरुआत प्रावधान के तहत इस सुविधा की पेशकश की जाएगी।


कंपनी मामलों के सचिव इंजेति श्रीनिवास ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के छोटे परेशान कर्जदारों को प्रस्तावित राहत देने के मानदंड तैयार करने के लिए माइक्रोफाइनेंस उद्योग के साथ विचारविमर्श हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि व्यक्तिगत दिवालियापन के तहत ईडब्ल्यूएस वर्ग में सबसे ज्यादा परेशान लोगों को राहत दी जाएगी।


उन्होंने कहा, 'यदि आपने एक बार नई शुरुआत का लाभ उठा लिया तो आपको पांच साल के लिए इसका लाभ नहीं मिल सकता है। हमने माइक्रोफाइनेंस उद्योग की संतुष्टि के लिए सभी शतों पर काम कर लिया है।' श्रीनिवास ने एक साक्षात्कार में कहा. 'यह हेयरकट लेने के समान होगा। राष्ट्रीय स्तर पर तीन से साल की अवधि के लिए यह 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होगा। श्रीनिवास ने कहा, 'हमारी माइक्रोफाइनेंस उद्योग के साथ चर्चा हई थीऔर उनकी चिंताओं पर भी गौर किया जा रहा है। हमारा माइक्रोफाइनेंस उद्योग को तबाह करने का इरादा नहीं है।


'सचिव ने कहा, 'इसके तहत छोटे परेशान कर्जदारों को मानदंडों के आधार पर कर्ज प्रतिबद्धताओं से राहत देना है। मानदंडों को लेकर माइक्रोफाइनेंस उद्योग के साथ चर्चा की जा चुकी है।' उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत गारंटर से कॉरपोरेट कर्जदारों से जुड़े आईबीसी के प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएंगे।


नई शुरुआत में हैं कई शर्ते-


आईबीसी के तहत 'नई शुरुआत' के लिए कई सीमाएं हैं, जिसमें कर्जदार की सकल सालाना आय 60,000 रुपये से अधिक नहीं होना भी शामिल है। कर्जदार की संपत्ति का कुल मूल्य 20 हजार रुपये और माफी के लिए पात्र कर्ज 35 हजार रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए। आईबीसी के मुताबिक, इसके साथ ही ऐसे व्यक्ति के पास अपना आवास भी नहीं होना चाहिए।


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