जेल में भिडे महबूबा-उमर कश्मीर मामले पर

ट्विटर के योद्धा जेल में भी भिड़ने से नहीं रूके


एक दूसरे पर लगाया भाजपा को बढ़ावा देने का आरोप, दोनों को अलग-अलग स्थानों पर करना पड़ा बद



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, जम्मू, अगस्त। जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों-उमर अब्दुल्ला तथा महबूबा मुफ्ती को ट्विटर का योद्धा कहा जाता है। वे अक्सर ट्विटर पर लड़ा करते थे और जब धारा 370 हटाने की कवायद आरंभ हुई तो एक दिन पहले ही दोनों को नजरबंद कर दिया गया और फिर अस्थाई जेलों में बंद कर दिया गया। पर ये दोनों योद्धा इस अस्थाई जेल में भी युद्ध किए बगैर नहीं रह सके जिस कारण अधिकारियों को उन्हें अलग-अलग अस्थाई जेलों में शिफ्ट कर देना पड़ा।


दरअसल जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद हिरासत में एक साथ रखे गए उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों को अलग करके रखना पड़ा। अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को धारा 370 हटाए जाने के बाद पिछले हफ्ते राज्य में शांति भंग की आशंका को देखते हुए हरि निवास महल में हिरासत में रखा गया था। अधिकारियों ने बताया है कि इस दौरान दोनों के बीच विवाद इतना अधिक बढ़ गया कि उन्हें अलग करना पड़ा। दरअसल, दोनों एक-दूसरे पर राज्य में भारतीय जनता पार्टी को लाने का आरोप मढ़ रहे थे।


जमकर हुए आरोप-प्रत्यारोप - 


अधिकारियों ने बताया उमर महबूबा पर चिल्ला पड़े और उन पर और उनके दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद पर भाजपा से 2015 और 2018 में गठबंधन करने के लिए ताना जड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच जमकर कहासुनी हुई जिसे वहां मौजूद स्टाफ ने भी सुना।


पीडीपी चीफ महबूबा ने एनसी उपाध्यक्ष उमर को जमकर जवाब दिए। महबूबा ने उमर को याद दिलाया कि फारूक अब्दुल्ला का गठबंधन वाजपेयी की सरकार में भाजपा से था। एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने जोर से उमर से कहा, आप तो वाजपेयी सरकार में विदेश मामलों के जूनियर मिनिस्टर थे। महबूबा ने उमर के दादा शेख अब्दुल्ला को भी 1947 में जम्मू कश्मीर के भारत में विलय के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया।


 


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