डेंगू से सतर्कता जरूरी

3 से 7 दिन तक बुखार रहना, तेज सिरदर्द और आंखों में दर्द होना, मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द, भूख नहीं लगना, उलटी होना और डायरिआ, त्वचा पर चकते, आमतौर पर नाक या मसूड़ों से रक्त बहना


डेंगू से सतर्कता


नई दिल्ली, अगस्त, विश्वास कुमार। डेंगू यह शब्द व्यक्ति को भय से भर देता है और क्यों नहीं? इसका प्रभाव मृत्यु का कारण बन सकता है या जीवन भर रह सकता है। कई लोग जानते हैं कि डेंगू से थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया (प्लेटलेट काउंट की कमी) होती है, लेकिन कितनों को पता है कि आगे चलकर इससे क्या होता है? डेंगू के वायरस से प्लेटलेट्स नष्ट होते हैं और उनकी संख्या घट जाती है।


प्लेटलेट्स से खून गाड़ा होता है और रक्त की हानि नहीं होती है। प्लेटलेट्स कम होने पर खून को बहने से रोकना कठिन हो जाता है। प्लेटलेट्स के अलावा यह यरस त्वचा, म्यूकोसा, हृदय, मस्तिष्क, आंख, आदि की कोशिकाओं को भी क्षति पहुंचाता है। इस क्षति से कोशिकाएं मर जाती हैं या टूट जाती हैं। परिणामस्वरूप शरीर के विभिन्न भागों में खून बहता है या तरल संग्रहित होने लगता है। यह वायरस हृदय की मांसपेशियों को प्रभावित करता है और चोटिल होने पर वे ठीक से काम नहीं कर पाती हैं और हृदय की पम्पिंग धीमी हो जाती है।


कई मामलों में यह चोट एक वर्ष में ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में स्थिति सुधर नहीं पाती है। और व्यक्ति को धीमी पम्पिंग के साथ ही शेष जीवन बिताना पडता है। यह हृदय के इलेक्ट्रिकल सर्किट्स को भी प्रभावित करता है, जिससे रिदम डिसऑर्डर हो जाता है।


इसी प्रकार, यह किडनी को भी प्रभावित करता है और वे खराब हो जाती हैं। कई बार स्थिति अपने-आप सामान्य हो जाती है, लेकिन किडनी पर प्रभाव जानलेवा हो सकता है। अन्य समस्याओं में आंख प्रभावित होने पर दृष्टिहीनता और प्रोग्रेसिव पैरालिसिस (जीबी सिंड्रोम) शामिल हैं। यह वायरस प्लेसेंटा को भेदकर भ्रूण तक पहुंच सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को अत्यंत सावधान रहना चाहिए।


डेंगू की रोकथाम के उपाए -


कपड़ेः त्वचा को खुला न रखें, लंबी पैंट्स, लंबी आस्तीन कशट आर माज पहन, ढक हुए पर जूता या माजा तक जाने चाहिए और टोपी पहनें।


मच्छर निरोधकः डाइथाइल्टोल्युमाइड (डीईईटी) की कम से कम 10 प्रतिशत या अधिक सांद्रता वाले निरोधक का उपयोग करें, ऐसा लंबी अवधि की जरूरत पर किया जा सकता है। छोटे बच्चों पर डीईईटी का उपयोग न करें।


मरदानी और जाली: कीटनाशक वाली जालियां अधिक प्रभावी होती हैं. अन्यथा मच्छर जाली से सटे व्यक्ति को काट सकता है।


दरवाजों और खिड़कियों पर जालीः सही बनावट वाली जाली लगाने से मच्छर बाहर रहते हैं।


सुगंध से बचें : खूब सुगंध वाले साबुन या परफ्यूम मच्छरों को आकर्षित कर सकते हैं।


कैम्पिंग गियरः कपड़ों, जूतों और कैम्पिंग गियर पर परमेथ्रिन का उपयोग करें, या ऐसे कपड़े खरीदें, जिन पर पहले से उपयोग किया गया हो।


समयः सुबह, शाम और शाम की शुरुआत में घर से बाहर न रहें।


रूका हुआ पानी: एडीस मच्छर स्वच्छ, ठहरे हुए जल में प्रजनन करता है। इस पर ध्यान देने और ठहरे हुए पानी को हटाने से जोखिम कम हो सकता है।


- प्रिवेंटिव हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट


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