चिकित्सक ‘एनएमसी' के खिलाफ सड़क पर 

दिल्ली एम्स के डॉक्टरों को संसद तक मार्च, ओपीडी सेवाएं बंद, मरीजों को हुई परेशानी



नई दिल्ली, अगस्त, राम कुमार। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने गुरुवार को देश भर में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक पारित करने के विरोध में हड़ताल की। राजधानी में चिकित्सकों ने संसद की ओर मार्च किया। चिकित्सकों की हड़ताल से देशभर में ओपीडी सुविधाएं बंद रही जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ये हड़ताल देशभर में हुई।


अस्पतालों में लगभग सभी सेवाएं बंद रही। केवल इमरजेंसी सेवाओं को चालू रखा गया है। वहीं दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने इस विरोध प्रदर्शन के दौरान एम्स से संसद तक मार्च निकाला। एक प्रेस बयान में कहा गया कि पूरे देश में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशनों के आह्वान के जवाब में राष्ट्रव्यापी विरोध के लिए अपना पूर्ण और बिना शर्त समर्थन सभी डॉक्टरों से दिया जाएगा। कहा गया है कि ये बिल बेहद कठोर है।


लोअर हाउस ने इस देश की स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा शिक्षा को अलोकतांत्रिक एनएमसी विधेयक 2019 को मंजूरी देकर अंधेरे में डाल दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि एनएमसी बिल की धारा 32 में आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने के लिए 3.5 लाख अयोग्य गैर-चिकित्सा व्यक्तियों को लाइसेंस देने का प्रावधान है। सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाता शब्द को अस्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है ताकि आधुनिक चिकित्सा से जुड़े किसी व्यक्ति को एनएमसी में पंजीकृत होने और लाइसेंस प्राप्त करने की अनुमति मिल सके. संगठन का यह भी विचार था कि इस प्रस्तावित विधेयक से भ्रष्टाचा बढ़ेगा और चिकित्सा मे । स्वायत्तता कम होगी।


एनएमसी बिल को संसद से हटी झंडी -


नई दिल्ली। देशभर के डॉक्टरों के विरोध के बीच लोकसभा के बाद नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल अब राज्यसभा से भी पास हो गया है। इसके तहत (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) के स्थान पर नेशनल मेडिकल कमीशन का गठन होगा। अब तक मेडिकल शिक्षा, मेडिकल संस्थानों और डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित काम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जिम्मेदारी थी, लेकिन अब ये सारा काम नेशनल मेडिकल कमीशन करेगा।


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