सरकारी स्कूलों ने किया कमाल, निकले प्राइवेट से आगे

नियम बनाकर हर सब्जेक्ट पर अपना ध्यान केंद्रित किया। इसका परिणाम भी अच्छा मिला। अंग्रेजी में 99, पॉलिटिकल साइंस में 100, हिस्ट्री में 100, साइकोलॉजी में 100, म्यूजिक में 100 अंक मिले हैं। - हंसिका शुक्ला, इंडिया टॉपर



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, नई दिल्ली, मई। जैसा कर्म करेगा इंसान, वैसा फल देगा भगवान, यह है गीता का ज्ञान। गीता के इसी ज्ञान ने डीपीएसजी मेरठ रोड की हंसिका शुक्ला को बुलंदियों पर पहुंचा दिया है। मिला99.8 प्रतिशत अंक के साथ पूरे देश में टॉप करने हिस्ट्री वाली हंसिका शुक्ला ने अपनी सफलता के बाद कहा कि उन्होंने अपना कर्म मेहनत व लगन के साथ किया, जिसका फल उन्हें गुरुवार को देश में टॉप करने पर मिल गया।


उन्होंने यह सोचकर परीक्षा की तैयारी नहीं की थी कि वे देश में टॉप करेंगी। उन्होंने तो सिर्फ यह ध्यान रखा कि वे जितनी देर भी पढ़े, उतनी देर उसी पर अपना फोकस रखें। उनके जैसे पेपर गए थे, उससे उन्हें यह तो लग रहा था कि उनका रिजल्ट बहुत अच्छा रहेगा, मगर जब उन्हें पता चला कि उन्होंने देश में टॉप कर लिया है तो कुछ देर तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ, फिर भगवान कृष्ण का गीता में दिया उपदेश याद आया कि फल की चिंता किए बिना अपना कर्म करो। मैंने बिना फल की चिंता के कर्म किया था, भगवान ने उसका फल भी दे दिया।


खूब मेहनत की, बनना है डांसर



500 में से 499 अंक हासिल कर करिश्मा अरोड़ा ने नाम रोशन कर दिया। करिश्मा यूपी के मुजफ्फरनगर में एसडी पब्लिक स्कूल में पढ़ रही थीं। सीबीएसई में टॉपर बनने की जैसे ही खबर आई, उनके पास बधाई संदेश के ढेर लग गए। परिवार क्या दोस्त और टीचर भी खुशी से झूम उठे। करिश्मा सिर्फ पढ़ने में ही अव्वल नहीं हैं, वो डांस कॉम्पीटिशन में भी अव्वल रहती हैं।


करिश्मा के स्कूल की प्रिंसिपल चंचल सक्सेना का कहना है कि करिश्मा के पिताजी भी इसी कॉलिज में पढ़े है और अब बेटी भी इसी कॉलेज से टॉप हुई है। मुझे बहुत खुशी है, क्योंकि मुझे दादी जैसा अहसास हो रहा है। करिश्मा के सपने में डांसर बनना भी शामिल है। करिश्मा दिल्ली में कथक सीखती हैं और मुज़फ्फरनगर में दिव्यांगों को डांस सिखाती हैं।


करिश्मा का कहती हैं, सोचा था कि एग्जाम्स में अच्छा करूंगी, पर इतना अच्छा होगा ये उम्मीद नहीं थी। मुझे साइकॉलजी में आगे बढ़ना है। साथ में क्लासिकल डांस सीखती हूं। कॉम्पीटिशन में हिस्सा भी लेती हूं। मुझे इन दोनों फील्ड को साथ में लेकर आगे जाना है। मेरे पिता बिजनेसमैन हैं। मेरी मम्मी हाउस वाइफ हैं। कामयाबी के लिए फैमिली सपोर्ट बहुत जरूरी होता है, शुक्रगुजार हूं कि मुझे पूरा सपोर्ट मिला। 


पढ़ने वालों के लिए मैं ये ही कहूंगी कि पर आप ऐसे नहीं पढ़ो कि आप दो या तीन महीने पढ़कर कर अच्छा कर लोगे। आप स्कूल में अच्छे से पढ़ो। अगर कोई भी डाउट हो तो टीचर से पूछो। आखिर तक कोई डाउट नहीं होना चाहिए।


पूरे साल मेहनत करने से ही रिजल्ट अच्छा आएगा। करिश्मा के पिता मनोज अरोड़ा कहते हैं, मैं बहुत ज्यादा खुश हूं। खुशी को जाहिर करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। करिश्मा बहुत मेहनती है। उसका सपना साइकॉलजी फील्ड है, वो डांस थैरेपी से ही आगे बढ़ना चाहती है।


 


 


 


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