9 से 16 जुलाई के बीच चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 

इसरो एक और बड़ी कामयाबी की ओर


6 सितम्बर को चंद्रमा पर पहुंचने की उम्मीद प्रक्षेपण जीएसएलवी एमके-3 की मदद से होगा


 


आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, नई दिल्ली, मई। चंद्रमा पर भारत के बहुप्रतीक्षित दूसरे मिशन चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के लिए 9 से 16 जुलाई के बीच का समय तय किया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने बुधवार को बताया कि चंद्रयान-2 के तीनों मॉड्यूलों को 09 जुलाई से 16जुलाई के बीच प्रदापण के लिए तैयार किया जा रहा है। 


इसके 6 सितम्बर को चंद्रमा पर पहुंचने की उम्मीद है। चंद्रयान-2 में तीन मॉड्यूल हैं। ऑर्बिटर मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में उसके चक्कर लगाएगा। लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। इसे विक्रम नाम दिया गया है। तीसरा मॉड्यूल 'प्रज्ञान' नाम का रोवर है जो चंद्रमा की सतह पर घूम-घूमकर आंकड़े और नमूने एकत्र करेगा।


प्रक्षेपण के समय ऑर्बिटर और लैंडर मॉड्यूल एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे। रोवर को लैंडर के भीतर रखा जाएगा। प्रक्षेपण के बाद पहले इन्हें पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। बाद में पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार कक्षा में परिवर्तन कर इसे चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जाएगा।


चंद्रमा की कक्षा में पहुंचकर लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा तथा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास पहले से तय स्थान पर आहिस्ते से चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। इसके बाद रोवर भी लैंडर से अलग हो जाएगा और वैज्ञानिक आंकड़े तथा नमूने एकत्र करने के लिए चंद्रमा की सतह का भ्रमण करेगा।


लैंडर और ऑर्बिटर वैज्ञानिक अनुसंधानों के लिए उपकरणों से लैस होंगे। इस मिशन का प्रक्षेपण स्वदेशी प्रक्षेपण यान जीएसएलवी एमके-3 की मदद से ही किया जाने वाला है।


 


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