चुनाव स्थगित वेल्लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का 

निर्वाचन आयोग ने 14 अप्रैल की कार्यवाही के अंतर्गत राष्ट्रपति से संविधान की धारा 324 (सामान्य धारा अधिनियम 1897 के अनुच्छेद 21 के साथ पढा जाए) के तहत तमिलनाडु में वेल्लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव स्थगित करने की सिफारिश की थी।



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, नई दिल्ली, अप्रैल। निर्वाचन आयोग का यह निर्णय निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान व्यवस्थित रूप से मतदाताओ को प्रभावित करने का पता लगने के बाद लिया गया था। 5 अप्रैल, 2019 को सौंपी अपनी रिपोर्ट में डीजीआईटी(जांच) श्री बी मुरली कुमार ने 29 और 30 मार्च, 2019 को डीएमके पार्टी के कोषाध्यक्ष और विधायक दुरई मुरुगन और दुरई मुरुगन के पुत्र और वेल्लौर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार कथिर आनंद के आवास और दुरई मुरूगन शैक्षणिक न्यास द्वारा संचालित किंगस्टन मेडिकल कालेज में छापो के दौरान जांच और जब्ती कार्यवाही की जानकारी दी थी।


जांच दल ने पाया कि छापो से पहले परिसर की तलाशी ली गई थी और कई समान हटा दिए गए थे। इनमें सीसीटीवी की नियंत्रण इकाई और कंप्यूटर की हार्ड डिस्क शामिल थी। इस दौरान सावधानी से की गई निगरानी से से इस बात का भी पता भी चला कि जब दल को कालेज में प्रवेश नहीं करने दिया गया था, तब भारी मात्रा में नकदी और अन्य आपत्तिजनक सामान कालेज परिसर से दूसरे स्थान पर भेजा गया।


इसके पश्चात डीजीआई की निगरानी रिपोर्ट के आधार पर उम्मीदवार कथिर आनंद और उनके रिश्तदारो के परिसरो की पहचान की गई और 1 अप्रैल 2019 को डीएमके पदाधिकारी श्रीनिवासन के साले दामोदरन के निवास पर आयकर विभाग द्वारा ताजा छापेमारी की गई। इन छापो के दौरान कुल 11.48 करोड़ रुपए नकद बरामद किए गए। इसमें से अधिकतर को प्लास्टिक पैकेट में वार्डो के विवरण सहित रखा गया था।


इसके साथ की दामोदरन के निवास से प्रयोग न किए गए लेबल,वार्ड में मतदाताओ का विवरण और किंगस्टन इंजीनियरिंग कालेज से जुडे दस्तावेज बरामद किए गए। श्रीनिवासन ने इन 11.48 करोड़ रुपए का स्वामित्व स्वीकार करते हुए आयकर अधिनियम की धारा के अंतर्गत दर्ज बयान में कहा कि यह रकम डीएमके उम्मीदवार के पक्ष में मतदाताओ को प्रभावित करने के लिए थी। श्रीनिवासन के पास इस आय के श्रोत का कोई विवरण न होने और डीएमके उम्मीदवार के परिवार द्वारा संचालित संस्थान के जुडे दस्तावेजो की बरामदगी ने उम्मीदवार और जब्त रकम के बीच सांठगांठ का खुलासा किया था।


इस संबंध में विशेष व्यय पर्यवेक्षक सुश्री मधु महाजन ने 8 अप्रैल को सौंपी अपनी रिपोर्ट में सूचित किया था कि जांच से मतदाताओ को प्रलोभन देकर प्रभावित करने के व्यवस्थित योजना का खुलासा हुआ है। विशेष व्यय पर्यवेक्षक के अनुसार यह स्थिति स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए उपयुक्त नहीं थी।


तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 12 मार्च,2019 को सौंपी रिपोर्ट में कहा कि 11.48 करोड़ रुपए नकदी की बरामदगी और प्रस्तावित विधानसभा खंड के विवरण, वार्ड और बूथ संबधी धन के वितरण से जुडे कंप्यूटर प्रिंटआउट से जुडे सबूत वेल्लौर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में बड़े स्तर पर मतदाताओ को प्रभावित करने की ओर इशारा करते हैं। मतदाताओ को प्रभावित करने के इस व्यवस्थित प्रक्रिया ने मतदान प्रक्रिया को प्रभावित किया है और वेल्लौर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में इस समय स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए परिस्थिति अनुकूल नहीं हैं।


राष्ट्रपति ने इस संबंध में निर्वाचन आयोग की सिफारिश को स्वीकार करते हुए 19 मार्च, 2019 को वेल्लौर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा के लिए नए सदस्य को चुनने संबधी अधिसूचना को आंशिक रूप से निरस्त करने की घोषणा की है।


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