शिक्षा की हालत बदहाल करोड़ों खर्च के बावजूद  : गुप्ता

केवल 34323 पद ही हुए नियमित स्वीकृत अध्यापकों के 61168 पदों में से


 


आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, नई दिल्ली, अप्रैल। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा हैकि शिक्षा पर 15 हजार करोड़ रुपए सालाना खर्च करने के बावजूद दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की हालत पूरी तरह से चरमराई हुई है। अल्पसंख्यकों का दम भरने के बड़े-बड़े दावे करने वाली केजरीवाल सरकार की वास्तविक तस्वीर बिल्कुल इसके विपरीत है।


नेता प्रतिपक्ष द्वारा दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री से प्रश्न पूछने पर मिले लिखित जवाब में आए तथ्य पूरी तरह से चौंकाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के लिए स्वीकृत अध्यापकों के 61168 पदों में से केवल 34323 पद ही नियमित अध्यापकों द्वारा भरे गए हैं। शेष लगभग 27 हजार पदों में से 21271 पद पर अतिथि शिक्षक तैनात हैं तथा 5300 के करीब शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। लगभग 1100 सरकारी स्कूलों में से 780 स्कूलों में प्रधानाचार्य तक तैनात नहीं हैं।


गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिए बड़ीबड़ी बातें करती है परन्तु उर्दू शिक्षकों के 1028 आबंटित पदों के लिए मात्र 57 नियमित शिक्षक उपलब्ध हैं तथा 575 पद खाली पड़े इसी तरह पंजाबी भाशा के लिए 1023 आबंटित शिक्षकों के पदों के लिए मात्र 112 नियमित शिक्षक उपलब्ध हैं तथा 657 पद खाली पड़े है। स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी के बावजूद उपलब्ध शिक्षकों में से भी बहुत से शिक्षकों को स्कूलों में पढ़ाने की बजाए शिक्षा विभाग में प्रशासनिक कार्यों के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है।


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