सर जी, आपको अनाप-शनाप लिखकर पर्चा बांटने की राय किसने दी थी। अगर कुछ कहने के लिए नहीं था तो चुप रहते। कह देते कि हमने कुछ नहीं किया : हरदीप पुरी
नई दिल्ली, अप्रैल। केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ट्वीटर पर तक भिडंत हो गई । जब उन्होंने पूर्ण राज्य के दर्जे पर आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली की जनता में बांटे जा रहे पर्चे पर सवाल खड़े कर दिए।
उन्होने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सर जी, ये बताइए कि आपको अनाप-शनाप लिखकर ये पर्चा बांटने की राय किसने दी थी। अगर कुछ कहने के लिए नहीं था तो चुप रहते। कह देते कि हमने कुछ नहीं किया। हमारी समझ मे कुछ आया ही नहीं। दिल्ली के नागरिकों से माफी मांग लेते सर, माफी मांगने का तो आपको काफी अनुभव है ही।
उन्होने कहा कि आपको और 'आप' को याद ही होगा कैसे इसी प्रकार झूठ बोलने पर आपको भाजपा के बड़े नेताओं से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी पड़ी थी। लेकिन सर जी फिर भी आप मेट्रो के किरायों पर पिछले डेढ़ साल से लगातार झूठ बोले जा रहे हैं। आज आपके इस झूठ को किनारे रख इससे जुड़े सच पर चर्चा करते हैं।
उन्होंने मेट्रो के किराया बढ़ाने की बाबत एक ट्वीट निकाल कर याद दिलाया कि पहले जरा ये बता दीजिए सर जी, कि मेट्रो का किराया बढ़ाने के लिए रिटायर्ड जस्टिस एमएल मेहता की अध्यक्षता में गठित किराया निर्धारण समिति ने अपनी रिपोर्ट कब जमा करी थी, कौन-कौन इस समिति का हिस्सा थे, याद करने की कोशिश करिए सर जी।
अब तो हम दिल्ली वाले समझ ही गए हैं कि आप कभी कोई बात साफ -साफ नहीं बताएंगे इसलिए मैं ही आपको याद दिला देता हूं। इस समिति ने 8 सितंबर 2016 को किराया बढ़ाने की अपनी सिफारिश की थी। तब आप मुख्यमंत्री थे लेकिन मैं मंत्री नहीं था। आपसे हाथ जोड़कर विनती है समय निकालकर इस रिपोर्ट को पढ़ लीजिए।
देखकर बताइए किसने इस रिपोर्ट का समर्थन किया था। इसके बाद सीलिंग पर उन्होने कहा कि आप एसी बंगले से बाहर निकलकर भूरेलाल से मिलिए, सीलिंग रूकवाइए।