नो स्मोकिंग अभियान देश भर के व्यापारियों के बीच चलाएगा कैट 

कम नुक्सान का दिया सुझाव कैट ने व्यापारियों को तम्बाकू से 



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, नई दिल्ली, अप्रैल। सिगरेट पीने की लत को समाज और स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक मानते हुए कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश भर के व्यापारियों के बीच में सिगरेट को न कहें राष्ट्रीय अभियान चलाने का निर्णय लिया है जिसमें देश के सभी राज्यों में व्यापारियों को सिगरेट के हानिकारक होने से अवगत कराया जाएगा जो की अनेक अध्ययनों सेसाबित भी हो चुका है।


किन्तु क्योंकि सिगरेट पीने की लत आसानी से छुट्टी नहीं है और इसमें समय लगता है इस दृष्टि से कैट व्यापारियों को सलाह देगा की सिगरेट से बेहद कम हानिकारक नए उत्पाद जैसे ई-सिगरेट जो सिगरेट के मुकाबले 95 प्रतिशत कम हानिकारक है को फिलहाल सिगरेट के बजाय इस्तेमाल किया जा सकता है।


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा की हालांकि कैट किसी भी प्रकार से सिगरेट पनि के खिलाफ है पर देखा गया है कि आमतौर पर काम के अधिक दबाव से तनाव से छुटकारा पाने के लिए व्यापारी सिगरेट पीते हैं और इस दृष्टि से जब तक यह लत छूट न जाए व्यापारियों को ई सिगरेट जैसे छूट न जाए व्यापारियों का ३ उत्पादों को प्रयोग करने से काफी हद तक स्वास्थ्य ठीक रखा जा सकता है!


इंग्लैंड के सार्वजानिक स्वास्थ्य संस्थान द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह कहा गया है की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी निकोटिन सिस्टम (एंड) जो वैपस के नाम से भी जाना जाता है अर्थात् ई सिगरेट सिगरेट के मुकाबले 95 प्रतिशत कम हानिकारक है क्योंकि सिगरेट का बुरा असर सिगरेट में जलने वाले तम्बाकू से होता है जबकि ई सिगरेट निकोटीन होता है जिसमें स्वास्थय के लिए हानिकारक कार्बन मोनोऑक्साइड और टार नहीं होता।


रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिक्स ने भी अपने एक रिपोर्ट में कहा है की ई सिगरेट के इस्तेमाल से लोगों को स्मोकिंग की लत से छुटकारा भी मिल जाता है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की एक अनुमान के अनुसार तम्बाकू के इस्तेमाल और सिगरेट पीने से देश भर में प्रति वर्ष 13.5 लाख लोगों की मौत होती है।


सिगरेट बाजारों में आम तौर पर पान की दुकानों एवं अन्य स्थानों पर खुले रूप से आसानी से मिल जाती है जिसका इस्तेमाल बड़े लोगों के अलावा छोटे बच्चे भी करते हैं और सिगरेट पैकेट पर लिखी हुई चेतावनी कोई नहीं देखता।


भरतिया ने कहा की ई सिगरेट वर्तमान में अनेक देशों जिनमें इंग्लैंड, कनाडा, अमरीका आदि शामिल हैं में हो रहा है, कैट न केवल व्यापारियों के वित्तीय व्यय बल्कि स्वस्थ्य को लेकर भी चिंतित है और यह हमारा फर्ज है की हम व्यापारियों को कम नुक्सान के उपलब्ध तरीके बताएं। कैट भारत सरकार से आग्रह करेगा कि वो इस बारे में एक स्पष्ट नीति बनाएं और उसकी पूरी तरह से उसके क्रियान्वनयन की देख रेख की जाए।


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