मैदान नहीं मिल रहा बंगाल में भाजपा को रैली के लिए 

भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में अपनी जड़े जमाने के लिए एक ओर जहां जी-जान से लगी हुई है, वहीं ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस उसे रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, अप्रैल, कोलकाता। दोनों दलों की बीच तल्खी का आलम यह है कि भाजपा को बंगाल में चुनावी रैली करने के लिए जमीन तक नहीं मिल रही है। हालत यह है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसकाशिकार रह चुके हैं। अब एक बार फिर उनकी दो रैलियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मोदी की बंगाल में 23 और 24 अप्रैल को दो रैलियां हैं। वह 23 अप्रैल को आसनसोल में अपने मौजूदा सांसद एवं उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो और 24 अप्रैल को बोलपुर में अपने उम्मीदवार राम प्रसाद दास के समर्थन में रैली करेंगे। रैली होने में हफ्ते भर रह गए हैं, लेकिन अभी तक भाजपा को रैली के लिए ग्राउंड नहीं मिल पाए हैं। ऐसे में भाजपा ओर तृणमूल की तल्खी और बढ़ गई है। बता देंकि चुनाव प्रचार के लिए मोदी की बंगाल में लगभग 16 रैलियों की योजना है।


 


पोलो ग्राउंड आसनसोल का पोलो ग्राउंड -


बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में आसनसोल के पोलो ग्राउंड में रैली की थी। भाजपा एक बार फिर इसी ग्राउंड के लिए पोलो ग्राउंड कमेटी के समक्ष आवेदन किया था, लेकिन अब कहा जा रहा है कि उस दिन यह मैदान खाली नहीं है। इस कमेटी के चेयरमैन तथा आसनसोल नगर निगम के मेयर ने कहा है कि यह आसनसोल पोलो ग्राउंड 20 से 26 अप्रैल तक बुक है। ऐसे में 23 तारीख को प्र.म. की रैली के लिए इसे देना संभव नहीं होगा। हालांकि, भाजपा का कहना है कि इसके लिए उसने पहले ही आवेदन किया था, लेकिन उस समय ऐसा कुछ नहीं कहा गया और अब इसे लगातार सात दिन तक तृणमूल के लिए बुक बताया जा रहा है। बता दें कि इस सीट पर 29 अप्रैल को मतदान होना है। भाजपा के पश्चिम बर्दवान जिला अध्यक्ष का कहना है कि यह सब तृणमूल कांग्रेस जानबूझकर कर रही है। प्रधानमंत्री तक को रैली करने के लिए ग्राउंड नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।


 


खाली नहीं बोलपुर का डाक बंगला ग्राउंड -


प्रधानमंत्री मोदी की 24 अप्रैल को बोलपर में होने वाली रैली भी मुश्किल में है। यह ग्राउंड बीरभूम जिला परिषद के अंतर्गत आता है, जो कि तृणमूल कांग्रेस के हाथ में है। उस दिन इसे भाजपा के बदले माकपा को रैली करने के लिए दे दिया गया है। यहाँ 24 अप्रैल को माकपा नेता रैली करेंगे। इसे लेकर भाजपा खेमे में नाराजगी है। भाजपा के बीरभूम जिला अध्यक्ष ने कहा है कि प्रधानमंत्री की रैली न होने देने के लिए ही तृणमूल ने इसे माकपा को दे दिया है। इस संबंध में तृणमूल नेता अणुव्रत मंडल का कहना है कि माकपा की रैली के लिए पहले ही ग्राउंड दे दिया गया था तो प्र.म. मोदी की रैली के लिए उसे कैसे दिया जा सकता है? हालांकि, भाजपा का दावा है कि उसने पहले ही आवेदन किया था, लेकिन अब उसे बताया जा रह है कि ग्राउंड माकपा को दिया गया है। यह भाजपा को रोकने के लिए किया जा रहा है।


प्र. म. की रैली पहले भी अड़चन भरी रही है -


अभी हाल ही में 3 अप्रैल को मोदी ने कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान एवं सिलीगुड़ी में रैली की थी। सिलीगुड़ी में मोदी की कावाखाली मैदान में रैली होने वाली थी, लेकिन ऐन वक्त पर इसमें बदलाव कर दिया गया था। बाद में उन्हें जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के निकट भारतीय रेल के मैदान में रैली करनी पड़ी थी। इसके अलावा 2 फरवरी को मोदी की उत्तर 24 परगना जिले में जो रैली थी, उसमें गड़बड़ी फैलने और भगदड़ मचने से उन्हें 14 मिनट में ही अपना भाषण खत्म कर देना पड़ा था।


 


आसान नहीं बंगाल में भाजपा की एंट्री -


प्रधानमंत्री के साथ-साथ अन्य नेता भी बंगाल में सभा करने के लिए परेशान हो चुके हैं। इसके पहले 3 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गणतंत्र बचाओ रैली नहीं होने दी गई थी। उनके हेलिकॉप्टर को उतरने नहीं दिया गया था। यहीं नहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन 5 फरवरी को मुर्शिदाबाद में रैली नहीं कर पाये थे । इसी प्रकार 6 फरवरी को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की मुर्शिदाबाद के बरहमपुर एवं पश्चिम मिदनापुर के खड़गपुर में होने वाली रैली के लिए उनके हेलिकॉप्टर को नहीं उतरने दिया गया। ऐसा ही भाजपा नेता स्मृति इरानी के साथ ही हुआ था। वहीं 6 मार्च को भाजपा नेता अर्जुन मुंडा की बांकुड़ा के विष्णुपुर में रैली नहीं होने दी गई। इस तरह और भी कई वाकये हुए हैं।


 


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