मंजूरी मिली एक हजार इलेक्ट्रिक बसों को

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक 


निजी क्लस्टर के अतणत आएणा पहली खेप


नई दिल्ली, मार्च। दिल्ली सरकार ने शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 1000 एसी लो फ्लोर इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी दे दी है।



जानकारी के अनुसार इन बसों को निजी कंपनियां लाएंगी और चलाएंगी। हालांकि यह बसें जब चलने लगेंगी तो यह चीन के बाद दिल्ली दूसरा ऐसा शहर होगा जहां इतनी बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसें होंगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में दिल्ली वासियों को पर्यावरण हितैषी बेहतर परिवहन व्यवस्था के प्रति संकल्पबद्धता जाहिर करते हुए कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण को घटाने के लिए सरकार इलैक्ट्रिक को बढ़ावा दे और वाहनों की संख्या सड़कों पर कम की जाए।


मंत्रिमंडल ने कहा कि जिन कंपनियों को इस योजना के लिए आमंत्रित किया जा रहा है वह बसों में सीसीटीवी कैमरे, ऑटोमेटिक व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम, पैनिक बटन और पैनिक अलार्म |के साथ साथ वे सभी शर्ते जो परिवहन विभाग ने तय की है सुनिश्चित करेंगी। मंत्रिमंडल ने परिवहन मंत्री को सभी रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन एंड प्रपोजल्स मंजूर करने के लिए अधिकृत किया है। ये लो फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें रात को चार्ज की जाएंगी और इन्हें डिपो में खड़ा किया जाएगा। इन बसों के लिए चार्जिंग की सुविधाएं जुटाने की जिम्मेदारी कंपनियों को उठानी होगी।


इस इंफ्रास्ट्रक्चर को डिपो के भीतर करने के लिए प्रबंध किए जाएंगे। इतना ही नहीं रास्ते में पड़ने वाले डिपो में भी होस्ट चार्जिंग प्वाइंट्स की जिम्मेदारी भी कंपनी की होगी इन बसों के लिए सभी क्लस्टर की रुचि की अभिव्यक्ति आदि की के निर्धारण एवं स्वीकार्यता की जिम्मेदारी परिवहन मंत्री की होगी। ये बसें उनके लिए जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता, इंफ्रास्ट्रक्चर के अनुसार ही लाई जाएंगी। परिवहन मंत्री इन क्लस्टर्स के ग्रुप को बढ़ा-घटा सकते हैं, बसों की संख्या को कमज्यादा कर सकेंगे।


कंपनियां रात को चार्ज करने वाली बसों के रूट अथवा दिन में होस्ट डिपो से चार्ज करने वालेरोड के ऑप्शन का चयन कर सकेंगे। बसों के लिए 75 लाख रुपए तक की सब्सिडी अथवा 60 प्रतिशत कुल लागत की राशि तीन किस्तों में दी जाएगी अथवा तय की गई की गई योजना में निर्धारित नियम शर्तों के अनुसार यह भुगतान होगा मंत्रिमंडल ने तय किया कि सब्सिडी और बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर पैरंट डिपो में किया जाएगा। इसके लिए 800 करोड़ एनवायरनमेंट सेस के फंड से मुहैया कराए जाएंगे।


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