गेस्ट टीचर्स शिक्षा मंत्री के आवास के बाहर धरने पर जुटे

अनुबंध आगे बढ़ाने पर दिल्ली सरकार के रवैये से गेस्ट टीचर्स नाराज


नई दिल्ली, मार्च। दिल्ली के हजारों गेस्ट टीचर्स की सेवाएं फरवरी में समाप्त कर दी गई हैं। उनके अनुबंध आगे बढ़ाने पर दिल्ली सरकार के रवैये से गेस्ट टीचर्स खासे नाराज हैं। विगत कई वर्षों से दिल्ली के सरकारी स्कूल में कार्यरत गेस्ट टीचर्स एक तरफ अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। दूसरी तरफ सरकार के दोहरे रूप से यह समस्या सुलझने की बजाय और उलझती जा रही है।



अब ये टीचर्स अपनी समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर धरना दे रहे हैं। गेस्ट टीचर उपेंद्र का कहना है कि सत्ता में आने से पर्व अरविंद केजरीवाल सरकार ने गेस्ट टीचर्स को स्थाई करने की बात कही परन्तु चार साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने गेस्ट टीचर्स से किया वादा पूरा नहीं किया। विगत वर्षों में गेस्ट टीचर्स का कॉन्ट्रैक्ट 10 मई तक चलता है परंतु इस बार 28 फरवरी को ही गेस्ट टीचर्स की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं जिस पर अवधेश का कहना है कि जब तक शिक्षा मंत्री गेस्ट टीचर्स की सेवाएं पुनर्बहाल नहीं करती गेस्ट टीचर्स धरना खत्म नहीं करेंगे।


ज्योति भी सरकारी स्कूल में गेस्ट टीचर्स लगी हुई थी उनका कहना है सरकार के रूखे रवैये से सभी गेस्ट टीचर्स बहुत नाराज हैं और सरकार ने स्वयं युवा गेस्ट टीचर्स को धरना करने को मजबूर कर दिया है। बरसात और ठंड में खुले आसमान तले बैठे इन टीचर्स की समस्या पर मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया कि मैं इन्हें समर्थन देता हूँ लेकिन इन्हें नियमित करने के लिए विधेयक विधानसभा से पारित कर दिया है। उपराज्यपाल से आग्रह हैं कि वह इसे लागू  करें।


शिक्षक डॉ. रचना ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने ट्विटर के माध्यम से गेस्ट टीचर्स को सपोर्ट करने की बात कही मैं शिक्षा मंत्री से पूछना चाहती हूं कि यदि सरकार गेस्ट टीचर्स के प्रति चिंतित है तो वह स्वयं गेस्ट टीचर्स के साथ मिलकर उपराज्यपाल से क्यों नहीं मिलती। उन्होंने बताया कि जिस बिल की बात शिक्षामंत्री कर रहे वो 2017 में विधानसभा में पेश किया गया किंतु इतना समय बीत जाने के बाद भी सरकार ने बिल पास करने के लिए उपराज्यपाल को नहीं कहा। आज जब 2019 में फिर से गेस्ट टीचर्स धरना देने को मजबूर हो गए तब कही जाकर सरकार नींद से जागकर बिल की दुहाई देने में लग गई।


परंतु शिक्षा मंत्री आपको याद दिला दें कि गेस्ट टीचर्स भविष्य निर्माता हैं उनके साथ खेल खेलना बंद करें। शिक्षा को राजनीति से दूर रखें । शिक्षकों ने शिक्षामंत्री से आग्रह किया कि गेस्ट टीचर्स को जल्द से जल्द स्थाई करें। गेस्ट टीचर एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे पर तुरंत फैसला करें अन्यथा यह आंदोलन दिल्ली के अभिभावकों को जगाने के लिए घर-घर तक पहुंचाएंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर कहा कि इसलिए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा ज़रूरी है।


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