चीनी मिल के अनुसार भंडार सीमा

घरेलू विक्रय/वितरण के लिए 24.5 एलएमटी उजली/परिष्‍कृत चीनी निर्धारित की


देश में चीनी के अतिरिक्‍त उत्‍पादन की स्थिति के प्रबंधन को ध्‍यान में रखते हुए और किसानों के गन्‍ने की बकाया राशि के भुगतान की दृष्टि से चीनी की कीमतों को स्थिर करने के लिए केन्‍द्र सरकार चीनी मिलों की भंडारण सीमा को लागू करने के साथ-साथ चीनी मूल्‍य (नियंत्रण) आदेश, 2018 को लागू कर रही है।



अनिवार्य वस्‍तु अधिनियम 1955 (1955 का 10) की धारा 3 में चीनी (नियंत्रण) आदेश, 1966 के उपवाक्‍य 4 और 5 तथा भारत सरकार के आदेश एस.ओ. सं. 2347 (ई) दिनांक 07.06.2018 द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केन्‍द्र सरकार जून 2018 से प्रत्‍येक माह के लिए भंडार आदेश जारी करने के साथ-साथ उसमें प्रत्‍येक चीनी मिल के अनुसार उस महीने के लिए घरेलू विक्रय/वितरण हेतु उजली/परिष्‍कृत चीनी की मात्रा निर्धारित करती है।


घरेलू बिक्री/वितरण के लिए मार्च 2019 महीने के लिए 28 फरवरी, 2019 को जारी मासिक भंडार सीमा आदेश में 24.5 एलएमटी उजली/परिष्‍कृत चीनी निर्धारित की गई है। यह वृद्धि अनेक तथ्‍यों पर आधारित है। प्रत्‍येक वर्ष इस समय के आसपास अधिक मात्रा में चीनी का विक्रय/वितरण होता है। फरवरी 2018 के दौरान 23.54 एलएमटी चीनी का विक्रय/वितरण किया गया था। इसके अलावा, हाल में चीनी उद्योग को निर्देश दिया गया था कि वे अधिक मात्रा में चीनी की खरीद करने वाले उपभोक्‍ताओं के लिए चीनी विक्रय की अग्रिम बुकिंग करें। यह बात ध्‍यान देने योग्‍य है कि सरकार ने हाल में चीनी का न्‍यूनतम विक्रय मूल्‍य (न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य) 29 रूपये प्रति किलो से बढ़ाकर 31 रूपये प्रति किलो कर दिया है। किसानों के गन्‍ने की बकाया राशि के भुगतान में चीनी मिलों की आसानी के लिए यह वृद्धि की गई है।


चीनी मूल्‍य (नियंत्रण) आदेश, 2018 के प्रभावी होने से, चीनी मिल एक्‍स-मिल कीमत पर अपनी चीनी का विक्रय नहीं कर सकते तथा किसी प्रकार इसका उल्‍लंघन करने पर अनिवार्य वस्‍तु अधिनियम, 1955 के प्रावधानों के तहत कई दंडात्‍मक कार्रवाई की जा सकती है। इसलिए मार्च, 2019 के माह के लिए निर्धारित भंडार सीमा आदेश के तहत घरेलू विक्रय के लिए चीनी के अधिक आवंटन के बारे में कोई आशंका निराधार है।


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