योजनाओं को नई रफ्तार रैपिड रेल और मेट्रो 

अंतरिम बजट में केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में परिवहन व्यवस्था को और दुरुस्त करने के लिए टैपिड टेल और मेट्रो पर विशेष ध्यान दिया है। इससे राजधानी में वाहनों का दबाव कम होगा। इसके अलावा स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी सरकार ने बजट में वृद्धि की है। जल शोधन प्लांट के लिए भी तीन सौ करोड़ के फंड का आवंटन किया गया है। 


दिल्ली में सड़कों पर वाहनों का दबाव कम करने और एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में आवाजाही आसान बनाने पर केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में ध्यान केंद्रित किया है। अंतरिम बजट में रैपिड रेल योजना के लिए एक हजार करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया है। साथ ही एनसीआर में दो मेट्रो योजनाओं के लिए 414.70 करोड़ दिया गया है। इन दोनों नेटवर्क के बढ़ने से दिल्ली से नोएडा, गाजियाबाद समेत मेरठ तक की आवाजाही बेहद आसान हो जाएगी। केंद्र सरकार ने दिल्ली से मेरठ के लिए रैपिड रेल योजना में तेजी लाने के लिए नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) को एक हजार करोड़ का फंड आवंटित किया है। 2018-19 में इसके लिए 659 करोड़ रुपये दिए गए थे।



इसके पहले चरण में काम तेजी से शुरू करने के लिए 341 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट दिया गया है। दरअसल, केंद्र सरकार दिल्ली- हरियाणा और उत्तर प्रदेश के एनसीआर में आने वाले शहरों में आवाजाही आसान करने के लिए रैपिड रेल चलाने की योजना पर काम कर रही है। एनसीआरटीसी का मेरठ-दिल्ली आरआरटीएस कॉरीडोर पहली प्राथमिकता है। उत्तर प्रदेश ने बीते साल ही फरवरी में इसके लिए 250 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान कर दिया है। दिल्ली सरकार ने इसके लिए मंजूरी तो दी है, लेकिन पैसा देने से मना कर दिया है। एनसीआरटीसी अधिकारियों की माने तो पहले चरण को लेकर जल्द ही निविदा जारी कर दी जाएगी। रैपिड रेल के दिल्ली-मेरठ कॉरीडोर पर जल्द ही काम शुरू होना है। इसके पाइलटेस्टिंग और दूसरे काम गाजियाबाद में शुरू भी हो चुके हैं। वहीं, दिल्ली-अलवर रूट के पहले चरण की डीपीआर भी एनसीआरटीसी मंजूर कर चुकी है।


पहले चरण के काम शुरूः दिल्ली मेरठ प्रारंभिक आरआरटीएस कॉरीडोर सिविल निर्माण कार्य के लिए तैयार है। इसमें पूर्व निर्माण कार्य जैसे जियो टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन, सड़क चौड़ीकरण, यूटिलिटी डायवर्जन का काम शुरू हो गया है। हाल ही में दिल्ली मेरठ कॉरीडोर पर प्रारंभिक पाइल लोड टेस्टिंग का कार्य भी शुरु कर दिया गया है। टेस्ट का मुख्य उद्देश्य स्थिर एवं गत्यात्मक भार क्षमता को निर्धारित करना व सटीक डाटा देना होगा।


कनेक्टिविटी बेहतर करने पर विशेष ध्यान


दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद की मेट्रो कनेक्टिविटी बेहतर बनाने के लिए सरकार ने अंतरिम बजट में ध्यान दिया है। दिल्ली मेट्रो के रेड लाइन विस्तार दिलशाद गार्डन से नया बसअड्डा गाजियाबाद और ब्लू लाइन के नोएडा सिटी सेंटर से नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी योजनाएं फंड की कमी से ना रुकें, इसके लिए सरकार ने अंतरिम बजट में 414.70 करोड़ रुपये का फंड डीएमआरसी को देकर इसके काम को रफ्तार दी है। इससे नोएडा के कई सेक्टर 52, 61, 59, 62, इलेक्ट्रॉनिक सिटी के अलावा इंदिरापुरम के एक बड़े हिस्से को सीधा फायदा होगा। इसी तरह दिलशाद गार्डन से नया बसअड़ा मेट्रो स्टेशन के शुरू होने से गाजियाबाद के जीटी रोड के किनारे बसी कॉलोनियों के अलावा मेरठ से नया बसअड्डा आने वालों को मेट्रो कनेक्टिविटी मिलेगी। या


 


 


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