संजीवनी मिली रियल एस्टेट कारोबार को 

किराये पर घर देना और लेना दोनों फायदेमंद,


बजट में दी गई राहतों से अब खाली घर महंगे नहीं होंगे


केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश किया। बजट में रियल एस्टेट सेक्टर और घर मालिकों को राहत दी गई है। इससे बिल्डरों के पास खाली पड़े घरों की कीमतों में उछाल नहीं आएगा। इससे लंबे समय से ठंडे पड़े रियल एस्टेट कारोबार को नई ताकत मिलेगी। दूसरी ओर किराये पर घर चढ़ाने वालों को दोहरा फायदा मिलेगा। साथ ही, अफोर्डेबल हाउसिंग पर टैक्स छूट जारी रखने से मध्यम वर्गीय कामकाजी को अपना घर खरीदने के लिए एक साल का वक्त और मिल गया है। वर्ष 2020 तक पंजीकृत होने वाले सस्ते घरों की परियोजनाओं को टैक्स छूट जारी रहेगी। कार्यकारी वित्त मंत्री पीयूष  गोयल ने घोषणा की है कि एक से ज्यादा घरों के मालिकों को दूसरे मकान के नोशनल रेंट का टैक्स नहीं देना होगा।



अब तक घरों के किराए से होने वाली 1.8 लाख रुपये की आमदनी कर के दायरे से बाहर थी। अब 2.4 लाख रुपये तक यह छूट दी जाएगी। मतलब, अब 20 हजार रुपये महीना तक किराएवाले घरों से हो रही आय कर मुक्त हो गई है। शहर में दो बेडरूम के घरों का किराया 20 हजार रुपये महीना तक है। नोशनल रेंट पर टैक्स नहीं लगने और किराया आमदनी पर कर का दायरा बढ़ाने से लोगों में दूसरा घर खरीदने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करीब तीन लाख परिवार किराए पर रहते हैं। इससे किराया दरों में भी इजाफा नहीं होगा। मकान मालिक और किराएदार दोनों को फायदा मिलेगा।


क्या होता है नोशनलरेंटः लोगों की आमदनी बढ़ने और आसानी से होम लोन मिल जाने के कारण कई मध्यवर्गीय करदाता एक से ज्यादा घर खरीदने या बनवाने लगे हैं। आयकर अधिनियम के तहत जिन लोगों के पास एक से ज्यादा मकान हैं, उन्हें उनकी पसंद के मुताबिक किसी एक मकान को आवास के रूप में चुनने की छूट मिलती है।


अधिनियम के तहत उनके मालिकाना हक वाले बाकी सारे मकानों को किराए पर मान लिया जाता है और उन पर बाजार दर के हिसाब से किराए का आंकलन करके टैक्स वसूला जाता हैयहां जानना लाजिमी है कि भले ही वह मकान खाली क्यों न पड़े हों और उनसे एक रुपये भी किराया नहीं आ रहा हो। कीमतों में उछाल नहीं आएगा । बिल्डर या आम आदमी अगर एक घर बेचकर उस रकम से दो घर खरीदते हैंतो उस पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा। बिल्डरों को बिना बिके हुएघरों पर 2 वर्ष तक कोई टैक्स नहीं देना होगाइससे खाली पड़े घरों की कीमतों में उछाल नहीं आएगा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करीब दो लाख घर बिना बिके पड़े हैंघरों की कीमत नियंत्रण में रहेंगी। मंदी से जूझ रहे बिल्डरों पर बिना वजह का दबाव हट जाएगा।


 


 


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