ये आदतें रखेंगी सर्दियों में सेहतमंद

 



संतुलित भोजन करें -


कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा देते हैं, पर सेहत के लिए यही काफी नहीं होते। शरीर को वसा, प्रोटीन, फाइबर और तरल पदार्थों की भी उतनी ही जरूरत होती है। आमतौर पर सर्दियों में तला-भुना, डिब्बाबंद व जंक फूडखाने की इच्छा बढ़ती है, इस कारण कार्बोहाइड्रेट का सेवन बढ़ जाता है। दूसरा, शारीरिक सक्रियता घटने से अतिरिक्त कैलोरी की खपत नहीं हो पाती। इससे शरीर में तेजी से वसा जमने लगती है। बेहतर है कि संतुलित आहार करें। अधिक तला-भुना खाने की जगह मौसमी फल व सब्जियों पर जोर दें। भोजन के साथ हरी सब्जियां, सलाद व सूप लें। इससे शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व व फाइबर मिलेगा। शरीर में पानी की कमी न होने दें।


धूप है जरूरी


पर्याप्त आराम के बावजूद थकान होती है? हड्डियों व मांसपेशियों में दर्द रहता है? अगर हां, तो संभव है कि आपको विटामिन डी की खुराक की जरूरत हो। और इस खुराक का अच्छा स्रोत है सूरज की रोशनी। विशेषज्ञों के अनुसार, 100 में से 70 लोग विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं। सर्दियों का मौसम इस कमी को पूरा करने का अच्छा अवसर है। दोपहर के आसपास त्वचा पर धूप लगना विटामिन डी के लिहाज से सबसे बेहतर माना जाता है। कुल मिलाकर आलस छोड़ कर घर से बाहर निकलना सर्दियों के मौसम में स्वस्थ रखता है। दोपहर में सोना एक ओर जहां विटामिन डी से दूर करता है, वहीं रात में नींद का पैटर्न भी गड़बड़ा जाता है। दोपहर में कुछ देर धूप में बैठें।


घर के भीतर न सुखाएं कपड़े


विशेषज्ञों के अनुसार, घर के भीतर गीले कपड़े सुखाने से घर में एसलडीहाइडेट और बेंजीन कण हवा में फैलते हैं, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं। अस्थमा से परेशान लोगों की समस्या भी इससे बढ़ती है। यदि अस्थमा की परेशानी नहीं है, तो भी गीले कपड़ों को भीतर सुखाना सिरदर्द, गले में खराश और आंखों में जलन पैदा कर सकता है। अगर घर के भीतर गीले कपड़े सुखाते हैं, तो खिड़कियां खुली रखें।


अधिक क्रीम न लगाएं


सर्दियों की ठंडी हवा, त्वचा को शुष्क बना देती है। त्वचा को नमी की ज्यादा जरूरत होती है, पर इसका मतलब यह नहीं कि आप अनावश्यक क्रीम व लोशन लगाएं। अधिक क्रीम लगाने से त्वचा पर धूल-मिट्टी के देर तक जमे रहने की आशंका बढ़ती है। मृत त्वचा चेहरे पर ही रहती है, जिससे मुहांसे व त्वचा की एलर्जी की आशंका बढ़ जाती है।


व्यायाम की कमी


सर्दियों में हर रोज व्यायाम करने की आदत को न छोड़ें। व्यवहारगत समस्याओं से जूझ रहे लोगों में मौसम में बदलाव आने पर मूड में तेजी से उतार-चढ़ाव आता है। नियमित व्यायाम करना शरीर में खुशी का एहसास कराने वाले हार्मोन का स्राव करता है। अवसाद में कमी लाता है। यूं भी सर्दियों में शारीरिक सक्रियता घटने से शरीर का वजन बढ़ने की आशंका बड़ जाती है। व्यायाम करना शरीर के लचीलेपल को भी बनाए रखता है।


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