नई दिल्ली : आम चुनाव से पहले मोदी सरकार का किसानों को रिझाने के लिए मेगा पैकेज का एलान अब किसी भी समय हो सकता है। इसकी पूरी तैयारी कर ली गयी है। सूत्रों के अनुसार 1 फरवरी को बजट से पहले ही इसका एलान हो जाएगा और बजट में इसके लिए प्रावधान रखे जा सकते हैं। प्रस्तावित पैकेज को नीति आयोग और वित्त मंत्रालय से भी। हरी झंडी मिल चुकी है। इस पैकेज की खास बात यह है कि इसमें किसानों को राशि डायरेक्ट कैश ट्रांसफर के तहत सीधे खाते में डाली जाएगी।
यह ओडिशा और तेलंगाना मॉडल के अनुरूप है। इसके अलावा कुछ खास समय तक ब्याज मुक्त 2 लाख तक का लोन दिया जाएगा। साथ ही किसानों को खास तरह का बोनस देने का एलान हो सकता है। सरकार की ओर से इसका ऐलान होते ही इसे अमल में लाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली में पिछले हफ्ते हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी मीटिंग में कई नेताओं ने शीर्ष नेताओं से आग्रह किया कि मौजूदा वित्तीय नीति में बदलाव की जरूरत है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार और आम चुनाव से पहले किसानों की समस्या को बड़ा मुद्दा बनाने की विपक्षी दलों की कोशिश के बीच बीजेपी नेताओं ने सरकार पर दबाव बढ़ाया। कांग्रेस पहले ही एलान कर चुकी है कि वह आम चुनाव में पूरे देश में किसानों की कर्ज माफी का वादा करेगी।
मोदी सरकार अब तक वित्तीय घाटे को नियंत्रण में रखने के प्रति बहुत सावधान रही है और कुछ हद तक इसमें सफलता भी मिलती रही है। लेकिन मेगा पैकेज के एलान के बाद इसपर असर पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार इस मेगा पैकेज पर एक से डेढ़ लाख करोड़ तक का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। हालांकि सरकार ने दावा किया कि इससे सरकार की वित्तीय सेहत पर कोई असर नहीं। सरकार को उम्मीद है कि बहुत जल्द रिजर्व बैंक से उसे 50 हजार करोड़ से अधिक का बोनस मिलेगा जिसका खर्च वह इस राहत पैकेज पर कर सकेगी।