किसानों की मदद के लिए होंगी घोषणाएं, टैक्सपेयर्स को राहत?

नई दिल्ली। कल पेश होने वाले अंतरिम बजट में कई दिलचस्प घोषणाएं हो सकती हैं। इनमें संभवतः कृषि क्षेत्र के संकट को दूर करने के साथ-साथ मध्यवर्ग को टैक्स में राहत देने के प्रयास शामिल होंगे। दरअसल सरकार के सामने अगले आम चुनाव की चुनौती है जिसे किसानों एवं मध्यवर्ग की विशाल आबादी का दिल जीतकर आसान बनाया जा सकता है। टैक्स पर छूट की रूपरेखा क्या होगी, यह तो अभी स्पष्ट नहीं है।



लेकिन सूत्रों ने संकेत दिया है कि 1 फरवरी को पेश होने जा रहे बजट में वित्त वर्ष 2019-20 के पहले कुछ महीनों के दौरान टैक्स छूट का ऐलान संभव है। बजट में यह वादा किया जा सकता है कि अगर मोदी सरकार दोबारा सत्ता में आई तो इस राहत की अवधि बढ़ाई जाएगी।


कौन सा विकल्प?


अभी वित्त मंत्रालय का कामकाज देख रहे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल बजट भाषण में सरकार की पहलों एवं भविष्य के अजेंडे का बखान कर सकते हैं। अटकलें हैं कि गोयल टैक्स पर राहत देने के लिए स्लैब में बदलाव करेंगे या फिर स्टैंडर्ड डिइपशुन की सीमा 40 हजार रुपये से बढ़ाने की ऐलान होगा। चर्चा इस बात की भी है कि वह मेडिकल इंश्योरेंस लेने पर छूट के ऐलान तक ही सीमित रह सकते हैं।


बड़े ऐलानों की उम्मीद -


मोदी सरकार से बजट में बड़े-बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही है, लेकिन आशंका भी है कि अंतरिम बजट की बाध्याताओं के कारण ऐसा संभव नहीं हो। निवर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल में संकेत दिया था कि सरकार इकोनॉमी की तात्कालिक चुनौतियों से निपटने को कदम उठा सकती हैं। इसलिए, उम्मीद है कि कृषि संकट और इसका अर्थव्यवस्था पर असर जैसे मुद्दे बजट की प्राथमिकता में रहेंगे।


सरकार की मश्किल -


सरकार के सामने मुश्किल यह है कि आयुष्मान भारत जैसी विशाल योजना को सुचारू तरीके से चलाने के लिए मोटी रकैम की है जबकि जीएसटी के तहत टैक्स कलेक्शन अब भी लक्ष्य से कम हो रहा है। 


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